Environment: लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण और राजधानी में गिरते वायु गुणवत्ता सूचकांक को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन ने कुछ कदम उठाए हैं।जिसका मकसद लगातार बढ़ते प्रदूषण के स्तर को कम करने के साथ ही वायु की गुणवत्ता को बेहतर बनाना भी है। इसी क्रम में अब दिल्ली-एनसीआर में सिर्फ 12 प्रकार के ईंधन का इस्तेमाल करने की इजाजत होगी। इसमें पेट्रोल और डीजल से लेकर लकड़ी, कोयला और सीएनजी शामिल है।केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन ने इन सभी ईंधनों और उनके अलग-अलग क्षेत्र में इस्तेमाल के निर्देश जारी किए हैं।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण बढ़ाने में सर्वाधिक वाहनों से इस्तेमाल होने वाला ईंधन जिम्मेदार है। दरअसल पूरे एनसीआर क्षेत्र का एक एयरशेड यानी एक समान वातावरण देखा जाता है। लिहाजा पूरे क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए एक जैसे ईंधन के इस्तेमाल के निर्देश दिए गए हैं।मसलन जिन इलाकों में पीएनजी का ढांचा मजबूत है, वहां 1 अक्टूबर से सिर्फ इन्हीं ईंधनों के इस्तेमाल की इजाजत होगी।
Environment: राजधानी की आबोहवा बिगाड़ रहा वाहनों का धुंआ
पिछले एक दशक में दिल्ली में वाहनों की संख्या में चौगुनी बढ़ोतरी हुई है। यही वजह है कि राजधानी की आबोहवा को वाहनों का धुंआ खराब कर रहा है। एक सर्वे के मुताबिक दिल्ली में प्रदूषण फैलाने में वाहनों की भूमिका 42 फीसदी है। रही सही कसर पराली के सीजन में उसका धुंआ पूरी कर देता है।
Environment: अन्य ईंधन के लिए लेनी होगी इजाजत
अब दिल्ली-एनसीआर में अन्य ईंधनों के लिए इजाजत लेनी होगी। मसलन कम सल्फर वाले कोयले के इस्तेमाल की इजाजत केवल थर्मल बिजली संयंत्रों को होगी। जबकि अन्य को किसी भी श्रेणी में इस्तेमाल के लिए आयोग से इजाजत लेनी अनिवार्य रहेगी
Environment: प्रदूषण कम करने के लिए इन पर दिया जाएगा ध्यान
पेट्रोल | 10 पीपीएम सल्फर के साथ बीएस-छह का इस्तेमाल,वाहनों के ईंधन के तौर पर | मीथेन -वाहनों और औद्यौगिक ईंधन के तौर पर |
डीजल | 10 पीपीएम सल्फर के साथ बीएस-छह का इस्तेमाल वाहनों के ईंधन के तौर पर | प्राकृतिक गैस-सीएनजी, पीएनजी और एलएनजी- वाहन, उद्योग और घरेलू इस्तेमाल |
लकड़ी-बंबू चारकोल | होटल, रेस्तरां, बैंक्वेट हॉल में तंदूर और ग्रिल में खुली दुकानों और ढाबों में | बायोफ्यूल बायो डीजल, बायोगैस, सबीजी, सीएनजी – वाहन, उद्योग और घरेलू इस्तेमाल |
एलपीजी | वाहन, उद्योग और घरेलू इस्तेमाल | रिफ्यूज डिराइव्ड फ्यूल- ऊर्जा संयंत्र, सीमेंट प्लांट, वेस्ट टू एनर्जी प्लांट |
बिजली | वाहन, उद्योग और व्यावसायिक घरेलू इस्तेमाल | फायरवुड यानी जलावन- बायोमास ब्रिकेट का इस्तेमाल धार्मिक कार्यों के लिए |
लकड़ी का कोयला | कपड़े में इस्त्री करने, शवदाह गृह में बिजली, सीएनजी, ब्रिकेट का इस्तेमाल, लकड़ी |