Punjab Election Result: कमजोर नेतृत्व व आपसी गुटबाजी, क्या रही Congress की हार की वजह?

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Navjot Singh Sidhu & Charanjit Singh Channi
Navjot Singh Sidhu & Charanjit Singh Channi

Punjab Election Result: उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के चुनाव परिणाम सामने आ चुकी है। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में भारतीय जनता पार्टी की जीत हुई है जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी ने पहली बार प्रचंड जीत हासिल की है। लेकिन इस बीच, देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस अपने सबसे कमजोर दौर से गुजर रही है। कांग्रेस के भीतर लगातार कमजोर नेतृत्व को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

पार्टी में गुटबाजी व अनुशासनहीनता बहुत हावी है। पंजाब में करारी हार और उत्तराखंड में सत्ता में आने का मौका चूकने के पीछे पार्टी की आपसी खींचतान ही मानी जाएगी क्योंकि पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह बनाम नवजोत सिंह सिद्धू, चरणजीत सिंह चन्नी बनाम सिद्धू तो वहीं उत्तराखंड में हरीश रावत बनाम प्रीतम सिंह की खींचतान ने पार्टी की हार में अच्छा-खासा रोल प्ले किया है।

बता दें कि कांग्रेस के हाथ से पंजाब फिसल चुकी है और उसके सभी शीर्ष नेताओं को शिकस्त मिली है। 117 विधानसभा वाले पंजाब में कांग्रेस को सिर्फ 18 सीटें मिली जबकि पांच महीने पहले मुख्यमंत्री पद से बेवजह हटाए गए कैप्टन अपनी नई पार्टी से चुनाव लड़ते हुए पटियाला से चुनाव हार गए। कांग्रेस का ‘दलित तुरुप का पत्ता’ और मुख्यमंत्री पद का चेहरा चरणजीत सिंह चन्नी दोनों सीटों से हार गए और राज्य पार्टी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू अपनी सीट हार गए। पार्टी को राज्य भर में 18 सीटों के अलावा 23% वोट शेयर मिले। वहीं आम आदमी पार्टी को 92 सीटें मिली है।

Charanjit Singh Channi
Punjab Election Result: Charanjit Singh Channi

Punjab Election Result: कैसे हार गई कांग्रेस, ये है 5 कारण

  • कांग्रेस के पंजाब खोने की सबसे बड़ी वजह पार्टी के भीतर की अंदरूनी कलह रही है। 2019 में राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस आज तक नेतृत्व संबंधित समस्याओं को दूर नहीं कर पाई है। केंद्र के साथ-साथ यह समस्या राज्य के नेतृत्व में भी रही है।
  • भाजपा से नाता तोड़ कर कांग्रेस का दामन थामने वाले नवजोत सिंह सिद्दू की नाराजगी भी हार की बड़ी वजह रही है। नेतृत्व को लेकर पंजाब में सिद्दू मुखर रहे हैं और इसी वजह से पार्टी ने कैप्टन को बाहर का रास्ता दिखा दिया। लेकिन इसके बाद भी नाराज सिद्धू ने खुद को अमृतसर (पूर्वी) सीट तक सीमित कर लिया और प्रचार के लिए बाहर नहीं निकले, जबकि प्रमुख मालवा क्षेत्र में, सिद्धू, सुनील जाखड़ या प्रताप सिंह बाजवा जैसे कांग्रेस के शीर्ष चेहरों में से किसी ने भी प्रचार नहीं किया।
Navjot Singh Siddhu
  • कांग्रेस ने कहा था कि वह “सामूहिक नेतृत्व” के तहत चुनाव लड़ेगी और सीएम चेहरा घोषित नहीं करेगी, लेकिन चन्नी जोकि दलित समूदाय से आते हैं। उन्हें सीएम उम्मीदवार के रूप में सामने लाई। हार की एक वजह इसे भी मानी जा रही है क्योंकि पंजाब में सीएम उम्मीदवार को लेकर चन्नी के नाम की घोषणा के बाद कांग्रेस के कोर सिख वोटर ने पाला बदल कर आम आदमी पार्टी को अपना मत दे दिया।
  • जाखड़ ने यह भी घोषणा की कि वह प्रचार के बीच में ही राजनीति छोड़ रहे हैं। मनीष तिवारी जैसे कांग्रेस नेताओं को स्टार प्रचारकों की सूची से बाहर कर दिया गया क्योंकि उन्हें कैप्टन अमरिंदर सिंह का करीबी माना जाता था।
  • केंद्रीय नेतृत्व ने सिद्दू और कैप्टन के बीच हुई कहासुनी को लेकर कैप्टन को पार्टी छोड़ने पर मजबूर किया, जिसके बाद अमरिंदर सिंह ने पार्टी से इस्तीफा देकर अपनी एक अलग पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी बनाई। चुकी कैप्टन के नेतृत्व में 2017 में पंजाब जितने वाले कांग्रेस के लिए कैप्टन का जाना हार की एक वजह रही है।

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