Yogi Adityanath: गोरखपुर सदर सीट (Gorakhpur Sadar Seat) उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ‘हॉट सीट’बन गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद से ही यह सीट आकर्षण का केंद्र रही है। बता दें कि गोरखपुर सदर सीट पर योगी आदित्यनाथ के सामने समाजवादी पार्टी ने दिवंगत उपेंद्र शुक्ला की पत्नी शुभावती शुक्ला को मैदान में उतारा है।
वहीं भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर रावण भी बाबा को चुनौती देने के लिए इस सीट से कमर कस लिया है। कांग्रेस ने यहां से चेतन पांडेय को टिकट दिया है। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के छठें चरण के लिए 3 मार्च को मतदान होगा। छठें चरण में 10 जिलों आंबेडकरनगर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीर नगर, महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया व बलिया की 57 विधानसभा सीट शामिल हैं।

बता दें कि गोरखपुर योगी आदित्यनाथ का गृहनगर है। गोरखपुर लोकसभा सीट पांच बार जीतने के अलावा, योगी गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी (पीठाधीश्वर) भी हैं। यह सीट कई दशकों से मंदिर से ही प्रभावित है। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान योगी आदित्यनाथ के पक्ष में पड़े वोटों से पता चलता है कि वह आगामी चुनावों में अजेय बने हुए हैं।
Gorakhpur Sadar Seat का राजनीतिक इतिहास
गोरखपुर लोकसभा सीट से जनसंघ, हिंदू महासभा और भाजपा 10 बार जीती हैं, जिसे पहले गोरखपुर सदर के नाम से जाना जाता था। यहां से एक बार जनता पार्टी के बैनर तले यह सीट जनसंघ ने जीती थी। कांग्रेस ने अपनी पूर्व नेता स्वर्गीय इंदिरा गांधी के नेतृत्व में छह जीत हासिल की हैं। पिछले तीन दशकों से, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ‘योगी’ के अजेय प्रभुत्व का मुकाबला करने के लिए संघर्ष कर रही है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। वहीं समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी का अभी तक खाता भी नहीं खुला है।
गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ ने 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में लगातार पांच बार गोरखपुर लोकसभा सीट जीती। वह गोरखपुर लोकसभा के विधानसभा क्षेत्रों में से एक गोरखपुर सदर में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से लगभग तीन गुना मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी। इससे पहले 1967, 1974 और 1977 के विधानसभा चुनावों में गोरखपुर सदर सीट पर जनसंघ का दबदबा रहा। 1977 के चुनाव में जनता पार्टी का हिस्सा बनकर जनसंघ मैदान में था। इसके बाद 1980 और 1985 के चुनावों को छोड़कर 1989 से अब तक यह संविधान भाजपा के पक्ष में रहा है।
पिछले दो विधानसभा चुनाव में गोरखपुर सदर सीट से भाजपा के डॉक्टर राधामोहन अग्रवाल ने जीत दर्ज की। 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने समाजवादी पार्टी की राजकुमारी देवी को हराया था। इस चुनाव में राधामोहन अग्रवाल को 81,148 वोट मिले, जबकि सपा प्रत्याशी राज कुमारी देवी को 33,694 वोट मिली थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में डॉक्टर राधामोहन को 1,22,221 वोट मिले थे। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार राणा राहुल सिंह को भारी मतों के अंतर से हराया था।
कौन हैं Yogi Adityanath?
योगी आदित्यनाथ राजनीतिज्ञ हैं, जो 19 मार्च 2017 से उत्तर प्रदेश के 22वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2017 के राज्य विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उन्हें 26 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया था। वह 1998 से लगातार पांच बार गोरखपुर निर्वाचन क्षेत्र, उत्तर प्रदेश से सांसद रहे हैं। आदित्यनाथ गोरखपुर में एक हिंदू मंदिर, गोरखनाथ मठ के महंत भी हैं।
बता दें कि योगी आदित्यनाथ 5 जून 1972 को पौड़ी गढ़वाल के पंचूर गांव में हुआ था। तब पंचूर उत्तर प्रदेश राज्य का हिस्सा था, जो अब उत्तराखंड के पौरी गढ़वाल में स्थित है। योगी आदित्यनाथ के बचपन का नाम अजय मोहन बिष्ट था। उनके दिवंगत पिता आनंद सिंह बिष्ट एक वन रेंजर थे। बता दें कि योगी ने उत्तराखंड में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में स्नातक की डिग्री पूरी की।
उन्होंने 1990 के दशक के आसपास अयोध्या राम मंदिर आंदोलन में शामिल होने के लिए अपना घर छोड़ दिया। बाद में वो गोरखनाथ मठ के प्रमुख महंत अवैद्यनाथ के शिष्य भी बन गए। दीक्षा के बाद गोरखपुर में रहने के दौरान, आदित्यनाथ अक्सर अपने पैतृक गांव का दौरा करते रहे हैं, उन्होंने वहां 1998 में एक स्कूल की भी स्थापना की है। 12 सितंबर 2014 को अवैद्यनाथ की मृत्यु के बाद आदित्यनाथ को गोरखनाथ मठ के महंत या महायाजक के पद पर पदोन्नत किया गया था। कुछ दिनों बाद उन्हें नाथ संप्रदाय के पारंपरिक अनुष्ठानों के बीच मठ का पीठाधीश्वर बनाया गया था।
गोरखपुर सदर सीट पर कास्ट फैक्टर
चुनाव आयोग के आकड़े के मुताबिक गोरखपुर सदर सीट पर मतदान करने के पात्र करीब 4.50 लाख मतदाता हैं। साढे चार लाख मतदाता में से सबसे अधिक 95 हजार कायस्थ वोटर की संख्या है। वहीं ब्राहम्ण 55 हजार,क्षत्रिय 25 हजार, वैश्य 45 हजार, निषाद 25 हजार, मुस्लिम 50 हजार, यादव 25 हजार और दलित 20 हजार के आस पास वोटर हैं। लेकिन इस विधानसभा सीट पर सारे कास्ट फेल हो जाते हैं क्योंकि यहां के वोटर योगी आदित्यनाथ के नाम पर वोट करते हैं। इन वोटरों की आस्था गोरखपुर पीठ से जुड़ा हुआ है।
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