Dasha Mata Puja 2022: परिवार के ग्रहों की दशा सुधारने के लिए दशा माता का पूजन चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की दशमी को आज मनाया जा रहा है। हर साल इस व्रत को इसलिए माना जाता है क्योंकि व्रत से परिवार के ग्रहों की दशा और परिस्थितियां शुभ होती हैं। इस दिन भगवान विष्णु के स्वरूप पीपल के वृक्ष की ही पूजा की जाती है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि रविवार के दिन पीपल के वृक्ष का पूजन निषेध है। तो आपको बता दें कि इस बार दशा माता के पूजन में शिव योग बन रहा है। यह शिव योग रात्रि 8:14 तक रहने वाला है। कई महिलाओं के मन में संशय है कि रविवार के दिन पीपल के वृक्ष का पूजन नहीं होता परंतु हमारे शास्त्र में तिथि को महत्व दिया है इसमें वार का दोष नहीं लगता। तिथि पूर्ण होने से यह दोष समाप्त हो जाता है। दशमी तिथि रविवार को शाम 6:04 तक रहेगी, इसीलिए रविवार के दिन दशा माता का पूजन करना शास्त्र सम्मत एवं शुभ है।

Dasha Mata Puja 2022: इन सामग्री से दशा माता की पूजा करना शुभ
1- दशा माता की पूजा में रोली, मौली, सुपारी, चावल, दीप, नैवेद्य, धुप, अगरबत्ती करना शुभ माना जाता है।
2- इस दिन महिलाओं को कच्चे सूत का डोरा लाकर डोरे की कहानी पढ़नी चाहिए।
3- दशा माता की पूजा के लिए सूत का बना श्वेत धागा लें और उसमे गांठ लगा लें।
4- सूत के डोरे को हल्दी में रंगना शुभ माना गया है।
5- दशा माता का व्रत एक बार करने के बाद हर साल करना पड़ता है। इसलिए महिलाएं इस बात का ध्यान रखें।
6- महिलाएं पूजा और व्रत करके गले में एक खास डोरा (पूजा का धागा) पहनें।
7- इस व्रत में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।

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