मिजोरम विधानसभा चुनावों के नतीजे आज यानी सोमवार (4 दिसम्बर) को आ रहे हैं। दोपहर 1 बजे तक मिजोरम में जेडपीएम 18 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है। बता दें, मिजोरम में कुल मिलाकर 40 सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 21 है। मिजोरम की सत्ताधारी पार्टी एमएनएफ केवल 6 सीट मिली हैं। वहीं,बीजेपी 2 सीटों पर और कांग्रेस 0 पर चल रही है। ऐसे में, मिजोरम में सत्ता का बड़ा उलटफेर होता नजर आ रहा है। शुरुआती रुझानों में जेडपीएम को बहुमत मिलने के बाद पार्टी के सीएम फेस लालदुहोमा का नाम चर्चा में आ गया है। आइए जानते हैं कौन हैं लालदुहोमा?
लालदुहोमा का करियर ग्राफ
लालदुहोमा ने साल 1972 से 1977 तक मिजोरम मुख्यमंत्री कार्यालय में सीएम के प्रधान सहायक के तौर पर काम किया। अपनी ग्रैजवैशन पूरी करने के बाद उन्होंने साल 1977 में यूपीएससी की परीक्षा को क्लियर किया। उन्होंने पुलिस सर्विस (IPS) में आने के बाद अपराधियों और तस्करों को पकड़ने के लिए गोवा में बतौर स्क्वाड लीडर काम किया। साल 1982 में उन्हें तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी के सुरक्षा प्रभारी का जिम्मा सौंपा गया। रिटायरमेंट के बाद लालदुहोमा ने राजनीति में अपना कदम रखा।
अगर लालदुहोमा के पोलिटिकल करियर की बात करें तो, साल 1984 में उन्होंने राजनीति में अपना बड़ा कदम बढ़ाया। उनके कांग्रेस से अच्छे संबंधों के चलते लालडुहोमा को मिजोरम कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। 1986 में कांग्रेस से अलग होने के बाद उन्होंने 1986 में मिज़ो नेशनल यूनियन (एमएनयू) का गठन किया, जिसका बाद में मिज़ोरम पीपुल्स कॉन्फ्रेंस में विलय हो गया और तब उन्हें कार्यकारी प्रेजिडेंट भी बनाया गया।
बता दें, लालदुहोमा कुछ समय के लिए एमएनएफ पार्टी के सलाहकार भी रहे थे, लेकिन कुछ ही समय बाद एमएनएफ से नाता तोड़ कर उन्होंने मिज़ो नेशनल फ्रंट (नैश्नलिस्ट) की स्थापना की, जिसका नाम बदलकर साल 1997 में ज़ोरम नेशनलिस्ट पार्टी (ZNP) कर दिया गया। जेडएनपी उम्मीदवार के रूप में उन्होंने 2003 के मिजोरम विधानसभा चुनाव रातू सीट से लड़ा।
2018 के चुनाव में लालदुहोमा और उनकी पार्टी, ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) में शामिल हो गए। पार्टी ने तब उन्हें मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया।
दल-बदल विरोधी कानून के उल्लंघन में फंसे लालदुहोमा
वर्ष 2020 में लालदुहोमा को एंटी डिफेक्शन लॉ यानी दल-बदल विरोधी कानून का उल्लंघन करने के लिए विधान सभा के सदस्य के रूप में अयोग्य ठहरा दिया गया था। हालांकि, 2021 में सेरछिप सीट के उपचुनाव में जीतकर उन्होंने वापसी की।
बता दें, मिजोरम विधानसभा चुनावों में मतदान 7 नवंबर को 40 सीटों पर हुआ था। चार राज्यों के चुनाव के नतीजे 3 दिसम्बर को आए, वहीं मिजोरम विधानसभा चुनाव के नतीजे भी पहले 3 तारीख को ही आने थे लेकिन चुनाव आयोग ने इसमें बदलाव किया, जिस वजह से आज यानी 4 दिसंबर को मिजोरम के नतीजे जारी किए जा रहे हैं। ये बदलाव मिजोरम में कई लोगों के अनुरोध करने के बाद किया गया। जेडपीएम को बहुमत मिलने के बाद अब लालदुहोमा का सीएम बनना पक्का माना जा रहा है।
यह भी पढ़ें :
सत्ता के सेमीफाइनल में ब्रैंड मोदी पर जनता की मुहर, जानिए 2024 आम चुनाव पर क्या रहेगा असर