Suji: सूजी का नाम आते ही दिमाग में हलवे का ख्याल आ जाता है।आखिर हलवा होता ही इतना स्वादिष्ट है, लेकिन सूजी महज हलवे तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें प्रोटीन और फाइबर की प्रचुर मात्रा मिलती है। यही वजह है कि शुगर से लेकर कई रोगों का इलाज में ये कारगर है। सूजी जिसे रवा भी कहते हैं नाश्ते से लेकर डेजर्ट तक में इस्तेमाल होने वाला एक जरूरी इंग्रेडिएंट है। जो न सिर्फ डिश का स्वाद और टेक्सचर बढ़ाता है बल्कि सेहत को भी कई सारे फायदे पहुंचाता है।
दरअसल सूजी में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर जैसे पोषक तत्वों के साथ कैल्शियम, आयरन, मैग्नीशियम, जिंक, सोडियम जैसे मिनरल्स भी शामिल होते हैं। सूजी गेहूं के छिलके को बारीक पीसकर तैयार की जाती है।
सूजी में जिंक, मैग्नेशियम, विटामिन बी6 जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो माइक्रोन्यूट्रिएंस की तरह काम करते हैं और इम्यून सिस्टम को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने में मदद करते हैं। इसमें मौजूद मिनरल्स और विटामिन्स कई प्रकार से हमारे शरीर को फायदा पहुंचाते हैं। आइए जानते हैं इस बारे में।
Suji: जानें किन रोगों में लाभकारी होती है सूजी ?
कोलेस्ट्रॉल घटाने में – आजकल की बदलती जीवनशैली में अधिकतर लोग कोलेस्ट्रॉल की समस्या से परेशान हैं। ऐसे में उन्हें कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करने के लिए कई प्रकार की एलोपैथिक दवाएं खानी पड़ती हैं।
आयुर्वेद के अनुसार सूजी में विटामिन बी 3 जिसे नियासिन के नाम से भी जाना जाता है की भरपूर मात्रा पाई जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार नियासिन की आवश्यक मात्रा से बैड कोलेस्ट्रोल को आसानी से कम किया जा सकता है।
वजन नियंत्रित करने में- वजन घटाने में फाइबर रिच फूड बहुत अहम भूमिका निभाते हैं, इनके सेवन से पेट लंबे समय तक भरा रहता है।जिससे ओवरइटिंग से बचा जा सकता है। सूजी में फाइबर की मात्रा मौजूद होती है, इसलिए आप ब्रेकफास्ट में उपमा, अप्पे, चीला जैसे ऑप्शन्स को शामिल कर सकते हैं, ये आपको हेल्दी रखने के साथ वजन को भी नियंत्रित रखेंगे।
आयरन की कमी दूर करने में- सूजी में आयरन की भी मात्रा मौजूद होती है। आयरन की कमी से एनीमिया (खून की कमी) की वजह बन सकती है। जिससे कई तरह की शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। खासतौर से महिलाओं में खून की कमी या आयरन की कमी होना आम बात हो गई है।इससे बचने के लिए सूजी को अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं।
टाइप- 2 डायबिटीज का खतरा कम- सूजी में डाइटरी फाइबर मौजूद होता है जो ग्लाइसेमिक कंट्रोल का काम कर सकती है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। इसके सेवन मात्र से ही हमारी रोगों से लड़ने की ताकत भी मजबूत होती है।
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