Allahabad HC: करोना महामारी के दौरान कोविड-19 की गाइडलाइंस का उल्लंघन करने के आरोप में प्रदेश में दर्ज लगभग सभी मुकदमे सरकार ने वापस ले लिए हैं। इनमें बड़ी संख्या में जमातियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे भी शामिल हैं। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में ये जानकारी दानिश और तीन अन्य जमातियों के मामले की सुनवाई के दौरान दी।दानिश के मामले में सरकार ने महामारी अधिनियम के साथ साथ हत्या के प्रयास का भी मुकदमा दर्ज किया था।इस मामले में हाईकोर्ट से स्थगन आदेश था।
Allahabad HC: मुकदमों के भारी दबाव को देखते हुए उठाया कदम
फरवरी 2021 में केंद्र सरकार की ओर से सर्कुलर जारी किया गया था कि अदालतों पर मुकदमों का बोझ पहले से ही बहुत ज्यादा है। ज्यादातर मुकदमे तीन साल तक की सजा वाले हैं।लिहाजार केंद्र सरकार ने केस वापस लेने की मंशा जाहिर की थी। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने 10 हजार से अधिक पेज का डाटा एकत्र किया। अक्टूबर 2021 में सभी जिलों से दर्ज मुकदमों का डाटा एकत्र कर मुकदमा वापसी की कार्रवाई शुरू की गई। कुछ मामलों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लंबित हैं या अन्य गंभीर धाराएं भी लगी हैं।
इसे छोड़कर सरकार ने लगभग सभी केस वापस ले लिए हैं।सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि आरोपी के खिलाफ धारा 307 आईपीसी कि विवेचना वापस ले ली है।हाईकोर्ट ने अभियोजन एजेंसी द्वारा अभियोग नहीं चलाने की स्थति में अभियोजन को कार्यवाही रद्द कर दी। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति अजय भनोट ने की।
राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि कोरोना गाइडलाइंस का पालन नहीं करने पर प्रदेशभर में करीब 3 लाख 7 हजार से अधिक केस दर्ज किए गए थे। इनमें से ज्यादातर महामारी अधिनियम के तहत मामले थे।
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