Emergency in Sri Lanka: दशकों में देश के सबसे खराब आर्थिक संकट पर हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapaksa) ने शुक्रवार देर रात देशव्यापी सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा की। राष्ट्रपति ने कठोर कानूनों को लागू कर दिया है। महंगाई को लेकर प्रदर्शन करने वालों को देखते ही गोली मारने का आदेश दिया गया है। आपातकाल लागू होने से सेना को बिना किसी मुकदमे के संदिग्धों को लंबे समय तक गिरफ्तार करने और हिरासत में रखने की अनुमति मिली है।
Emergency in Sri Lanka: आर्थिक संकट के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन
बता दें कि लगभग 2.2 करोड़ लोगों की आबादी वाले इस द्वीपीय देश में गहराते आर्थिक संकट के खिलाफ लोगों का गुस्सा गुरुवार की देर रात हिंसा में बदल गया। सैकड़ों प्रदर्शनकारी कई घंटों तक पुलिस से भिड़ते रहे। विदेशी मुद्रा की भारी कमी ने राजपक्षे की सरकार को ईंधन सहित आवश्यक आयात के लिए भुगतान करने में असमर्थ बना दिया है। देश में खाने पीने की सामानों के दाम आसमान छू रही है। बिजली 13 घंटे गुल रहती है।
सीएम एम के स्टालिन ने की पीएम से मानवीय सहायता की मांग
श्रीलंका की आर्थिक स्थिति को देखते हुए दिल्ली के तीन दिवसीय दौरे पर, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। उन्होंने केंद्र से राज्य सरकार को श्रीलंकाई तमिलों को मानवीय सहायता प्रदान करने की अनुमति देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि उनमें से कई द्वीप राष्ट्र में आर्थिक संकट के मद्देनजर लंका से भाग रहे हैं और समुद्री मार्ग से राज्य में आ रहे हैं।
Emergency in Sri Lanka: रिकॉर्ड महंगाई
बता दें कि शुक्रवार को जारी नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, कोलंबो में मुद्रास्फीति मार्च में 18.7 प्रतिशत पर पहुंच गई है। वहीं,खाद्य कीमतों में रिकॉर्ड 30.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। कोलंबो ने मार्च 2020 में आयात पर व्यापक प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे, विदेशी मुद्रा को बचाने के साथ-साथ 51 बिलियन डॉलर के कर्ज को चुकाया जा सके।
इस बीच, डीजल की कमी ने हाल के दिनों में पूरे श्रीलंका में आक्रोश पैदा कर दिया है। लोग खाली पंपों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। राज्य बिजली एकाधिकार ने कहा कि वह गुरुवार से दैनिक 13 घंटे बिजली कटौती लागू कर रहा था – अब तक का सबसे लंबा – क्योंकि उसके पास जनरेटर के लिए डीजल नहीं था। वहीं जीवन रक्षक दवाओं की कमी का सामना कर रहे कई सरकारी अस्पतालों ने नियमित सर्जरी बंद कर दी है। श्रीलंका सरकार ने कहा कि वह भारत और चीन से और ऋण मांग कर रहे हैं। ताकि इस वित्तीय आपातकाल से निपटा जा सके।
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