Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से चुनावों की शुरुआत हो रही है। इससे पहले तरह तरह के चुनावी वादे, आरोप-प्रत्यारोप औऱ सियासी ड्रामा देखने को मिल रहा है। अमित शाह ने यूपी के चुनावों को देश की दिशा और दशा तय करने वाला कहा तो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और जयंत चौधरी ने इन चुनावों को किसानों के अस्तित्व की लड़ाई बताया।
शुक्रवार का दिन भी कुछ अलग नहीं था। मुजफ्फरनगर में अखिलेश यादव ने जयंत चौधरी के साथ मिलकर अपनी ताकत दिखाई तो उससे पहले ट्वीट कर ये भी कहा कि उनके हेलीकॉप्टर को जान कर दिल्ली में उड़ान नहीं भरने दिया गया जो बीजेपी की हताशा को दर्शाता है। उधर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर अखिलेश पर निशाना साधा और उन्हें जिन्ना का उपासक बताया।
वहीं बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने सहारनपुर में जनसंपर्क अभियान चलाया औऱ पार्टी के लिए वोट मांगे। इस बीच बीजेपी ने 91 प्रत्याशियों की एक और सूची जारी कर दी। नई लिस्ट के बाद यह बात साफ हो गई है कि बीजेपी किसी तरह का रिस्क लेने के मूड में नहीं है। पार्टी ने अपने पुराने मंत्रियों पर भरोसा जताया है। सभी को टिकट दिए गए हैं। विधायकों को मुख्य तौर पर बदलने से परहेज किया गया है।
Akhilesh Yadav और Jayant Chaudhary की प्रेस वार्ता
शुक्रवार की दोपहर मुजफ्फरनगर और मेरठ में सपा अध्यक्ष Akhilesh Yadav और आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी को संयुक्त पीसी करनी थी लेकिन अखिलेश तय समय पर नहीं पहुंच पाए। इसके लिए Akhilesh Yadav ने सोशल मीडिया के जरिए आरोप लगाया कि दिल्ली में उनके हेलिकॉप्टर को रोक लिया गया और मुजफ्फरनगर के लिए उड़ान भरने की इजाजत नहीं दी जा रही।
Akhilesh Yadav ने ट्वीट किया, ”मेरे हेलिकॉप्टर को अभी भी बिना किसी कारण बताए दिल्ली में रोककर रखा गया है और मुजफ्फरनगर नहीं जाने दिया जा रहा है। जबकि बीजेपी के एक शीर्ष नेता अभी यहां से उड़े हैं। हारती हुई बीजेपी की ये हताशा भरी साज़िश है। जनता सब समझ रही है…।” हालांकि, आधे घंटे बाद उन्होंने एक अन्य ट्वीट के जरिए बताया कि उन्हें उड़ान की इजाजत मिल गई है। और फिर कुछ घंटों देरी से मुजफ्फरनगर में उन्होंने जयंत के साथ प्रेस वार्ता की और बीजेपी पर आरोपों की झड़ी लगा दी।

उधर बीजेपी भी सपा पर निशाना साधने को कोई मौका नहीं छोड़ रही है। सुबह होते ही सीएम योगी ने ट्वीट कर Akhilesh Yadav पर निशाना साधा। योगी आदित्यनाथ ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया और लिखा कि “वे ‘जिन्ना’ के उपासक है, हम ‘सरदार पटेल’ के पुजारी हैं। उनको पाकिस्तान प्यारा है, हम मां भारती पर जान न्योछावर करते हैं।”
योगी आदित्यनाथ के निशाने पर समाजवादी पार्टी खासतौर पर है। यही वजह है कि वो कभी तो सपा के उम्मीदवारों लिस्ट पर सवाल उठाते हैं तो कभी उन्हें गुंडों और तमंचावादियों की पार्टी कहकर घेरने की कोशिश कर रहे हैं। बाद में मुख्यमंत्री योगी ने मेरठ और गढ़मुक्तेश्वर में जनसंवाद कार्यक्रम में हिस्सा लिया और अपनी बात रखी।
वहीं बीजेपी की जिला और महानगर कमेटी को चुनावी प्रबंधन के गुर सिखाने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा शाहजहांपुर में थे। उन्होंने रेती रोड स्थित पार्टी कार्यालय में संगठन के नेताओं के साथ बैठक की और उन्हें बूथ मैनेजमेंट सिखाने के बाद गांधी भवन में प्रबुद्ध वर्ग के लोगों से मुलाकात कर चुनावी माहौल परखा।

दरअसल किसान आंदोलन की वजह से जाटों में उपजी नाराजगी को लेकर बीजेपी के नेता पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ताबड़तोड़ जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं। बीजेपी के तमाम बड़े नेता पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह समेत केंद्र और प्रदेश के कई मंत्री पश्चिमी यूपी में सक्रिय हैं। 10 फ़रवरी को पहले चरण में 11 जिलों की 58 सीट पर वोट डाले जाएंगे।
पहले चरण में मुजफ्फरनगर, शामली, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा और आगरा जिले की विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी। इनमें से कई सीटों पर जाट समुदाय निर्णायक भूमिका अदा करता है। इसलिए सभी दल इस समुदाय को साधने में लगे हुए हैं।

इस बीच यूपी चुनाव के लिए बीजेपी ने 91 प्रत्याशियों की एक और सूची जारी कर दी है। इसके साथ ही बीजेपी के 294 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा हो गई है। नई लिस्ट के बाद यह बात साफ हो गई है कि बीजेपी किसी तरह का रिस्क लेने के मूड में नहीं है। स्वामी प्रसाद मौर्य समेत तीन मंत्रियों और कई विधायकों के पाला बदलने का असर भी नई लिस्ट में साफ दिख रहा है। पार्टी ने अपने पुराने मंत्रियों पर भरोसा जताया है। सभी को टिकट दिए गए हैं। विधायकों को भी बदलने से परहेज किया गया है। एक दो ही विधायकों को बदला गया है।
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