Delhi Riots: दिल्ली दंगा के दौरान पुलिस वाले पर रिवाल्वर तानने वाले शाहरुख पठान (Shahrukh Pathan) समेत पांच आरोपियों के जमानत याचिका पर कोर्ट ने सुनवाई को 21 फरवरी तक के लिए आगे बढ़ा दिया है। कड़कड़डूमा कोर्ट ने यह फैसला कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलो को देखते हुए लिया है। बता दें कि इस मामले में कोर्ट में हत्या की कोशिश, दंगा फैलाने और गैरकानूनी भीड़ का हिस्सा होने से संबंधित धाराओं के तहत आरोप तय हो चुका है। इस मामले में शाहरुख पठान के अलावा सलमान, गुलफाम, आतिर और ओसामा के खिलाफ आरोप तय किया गया है।

Delhi Riots: रोहित शुक्ला नाम के पुलिसकर्मी को लगी थी गोली
इससे पहले दिल्ली हिंसा के दौरान एक पुलिसकर्मी पर पिस्टल तानने के आरोपी शाहरुख पठान की जमानत याचिका पर उच्च न्यायालय ने गुरुवार को पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। न्यायालय ने पुलिस को आरोपी की जमानत याचिका पर चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। हिंसा के दौरान हथियारबंद हिंसक भीड़ ने हमला किया था। जिसमें कई पुलिसकर्मियों को चोटें आई थीं और रोहित शुक्ला नाम के पुलिसकर्मी को गोली भी लगी थी।
गौरतलब है कि इस घटना में घायल पुलिसकर्मी रोहित शुक्ला ने पुलिस को दिए बयान में कहा था कि 24 फरवरी 2020 को उत्तर पूर्वी दिल्ली में लोगों के दो समूह आमने सामने थे। एक समूह नारे लगाते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहा था। इसी दौरान भीड़ हिंसक हो गई और पथराव शुरू कर दिया। शुक्ला ने कहा था कि इसी दौरान एक व्यक्ति ने उस पर पिस्तौल से गोली चला दी थी।

नागरिकता कानून के विरोध में हुआ था दंगा
बता दें कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2019 में नागरिकता कानून में बदलाव किया था, इस कानून के मुताबिक जो मुस्लिमों 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए,सताए गए हिंदुओं, पारसियों, सिखों, बौद्धों, जैनियों और ईसाइयों के लिए नागरिकता देने का प्रावधान किया गया था। कानून में संसोधन के बाद भारत में कई मुसलमानों ने कानून में अपने समुदाय के बहिष्कार का विरोध किया और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। नई दिल्ली महिलाओं के नेतृत्व में धरना प्रदर्शनों का केंद्र रहा। प्रदर्शन ने दंगों का रूप ले लिया। दशकों में राजधानी में इस तरह की सबसे खराब हिंसा हुआ। नागरिकता कानून के खिलाफ महीनों विरोध के बाद आलोचकों ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया था. उनका कहना था कि हिंदू-बहुल देश में मुस्लिम अल्पसंख्यक के साथ भेदभाव होता है।
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