यूं तो भारत और पाकिस्तान कब के अलग हो चुके हैं पर आज भी ऐसा बहुत कुछ है जो भारत का पाकिस्तान में छूट गया है और पाकिस्तान का भारत में। पाकिस्तान में भारत का एक प्राचीन मंदिर है जिसके रखरखाव को लेकर पाकिस्तान सरकार को अब अपने ही कोर्ट से डांट खानी पड़ी है।

दरअसल पाकिस्तान में स्थित बेहद प्राचीन मंदिर कटासराज की हालत ठीक नहीं है। यहां बने तालाब में पानी का स्तर दिनोंदिन घटता जा रहा है, जिसे लेकर पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई है और एक हफ्ते में तालाब के पानी का लेवल सही करने का आदेश सुना दिया है। 

बता दें कि यह मंदिर पाकिस्तान के चकवाल गांव से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर कटास में एक पहाड़ी पर है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि इसके कुंड यानि तालाब का निर्माण भगवान शिव के आंसुओं से हुआ है। इलाके में औद्योगिक गतिविधि के कारण मंदिर परिसर में बना तालाब धीरे-धीरे सिकुड़ रहा है। चीफ जस्टिस साकिब निसार ने सरकार और चकवाल जिला प्रशासन से कहा कि एक हफ्ते के भीतर इस पवित्र तालाब में पानी भरा जाए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान में हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा के लिए अदालत किसी भी हद तक जाएगी।  

निसार ने मीडिया रिपोर्टों के आधार पर इस मुद्दे पर संज्ञान लिया। मीडिया की खबरों में कहा गया था कि पंजाब के कटास राज तालाब सूख रहा है, क्योंकि इसके पास के सीमेंट कारखाने कई बोरवेलों के जरिये बड़ी मात्रा में पानी ले रहे हैं और इससे मिट्टी के नीचे का जलस्तर काफी घट गया है।

गौरतलब है कि कटासराज मंदिर से कई कथाएं जुड़ी हुई हैं। माना जाता है कि शिव की पत्नी देवी सती ने अपने पिता द्वारा आयोजित हवन में कूदकर जान दे दी थी तो शिव बहुत रोए। वो इतना रोए कि उनके आंसुओं से दो कुंड बन गए – एक पुष्कर में तो दूसरा कटास में। कटासराज मंदिर के परिसर में जो कुंड स्थित है उसे भगवान शिव के आंसुओं से बना हुआ बताया जाता है। वहीं इससे जुड़ी एक और कहानी यह भी है कि अज्ञातवास के दौरान पांडव कटास की पहाड़ियों में ही रहे थे और कटासराज में स्थित कुंड वही कुंड है जिसमें पांडव प्यास लगने पर अपनी प्यास बुझाते थे। यही वो कुंड बताया जाता है जहां पांडवों में से चार भाई पानी पीने के बाद मूर्छित होकर गिर गए थे और पांचवे पांडव यानी युधिष्ठिर के पानी पीने जाने पर यक्ष ने उनसे सवाल किए और फिर उनके भाईयों को ठीक किया।

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