Titanic: मशहूर जहाज टाइटैनिक का मलबा दिखाने के लिए ले जाने वाली पनडुब्बी उत्तरी अटलांटिक में डूब गई।बीते रविवार से ही पनडुब्बी का कुछ पता नहीं चल रहा है।इसी बीच पनडुब्बी की कंपनी ओशन गेट की ओर से जानकारी मिली है कि मलबा देखने के लिए गए पांचों यात्रियों का निधन हो गया है।इसी बीच ब्रिटेन के एक व्यवसायी ने इस घटना के बाद भगवान का शुक्रिया अदा किया।उन्होंने कहा कि अंतिम समय में न जाने का फैसला लिया था, जोकि ठीक निकला।
Titanic: पनडुब्बी 6 दिनों से थी लापता
Titanic: पिछले करीब 6 दिनों से लापता है। इसका ऑक्सीजन भंडार भी खत्म हो चुका है। अमेरिकी तट रक्षक, कनाडाई सैन्य विमान, फ्रांसीसी जहाज और टेलीगाइडेड रोबोट दिन-रात एक कर लोगों को बचाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन गुरुवार को एक दुखद खबर सामने आई। टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने गए यात्री अब हमारे बीच नहीं रहे। दरअसल, पनडुब्बी अटलांटिक महासागर में अप्रैल 1912 में डूबे टाइटैनिक जहाज के मलबे को दिखाने ले गई थी।
रियर एडमिरल जॉन माउगर ने बोस्टन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि विश्लेषण से पता चला है कि टाइटैनिक के Bow से 1,600 फीट (500 मीटर) दूर समुद्र तल पर पाया गया मलबा, सबमरीन के दबाव कक्ष के विस्फोट के अनुरूप था।माउगर ने कहा कि संयुक्त राज्य तटरक्षक बल और संपूर्ण एकीकृत कमान की ओर से मैं परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।
Titanic: जहाज पर ये लोग थे शामिल
जहाज पर ब्रिटिश खोजकर्ता हामिश हार्डिंग, फ्रांसीसी पनडुब्बी विशेषज्ञ पॉल-हेनरी नार्जियोलेट, पाकिस्तानी-ब्रिटिश टाइकून शहजादा दाऊद और उनके बेटे सुलेमान, और उप संचालक ओशनगेट एक्सपीडिशन के सीईओ स्टॉकटन रश सवार थे।
ओशनगेट ने कहा कि इस दुखद समय में उसकी संवेदनाएं सभी मृतकों के परिवार के प्रत्येक सदस्य के साथ हैं।एक बयान में कहा गया कि ये लोग सच्चे खोजकर्ता थे, जिनमें साहस की एक विशिष्ट भावना और दुनिया के महासागरों की खोज और सुरक्षा के लिए जुनून था।
Titanic: जानिए कैसे टिकट खरीदने के बावजूद नहीं गए यात्रा करने और बच गई जान?
गनीमत रही कि ब्रिटेन के व्यवसायी ने अंतिम समय में यात्रा पर नहीं जाने का फैसला लिया। ब्राउन ने बताया कि वे पहले टाइटैनिक के मलबे को देखने जाने के लिए इसलिए राजी हुए क्योंकि वे रोमांच में दिलचस्पर रखते हैं।
दूसरा टाइटैनिक लोगों के बीच में बहुत प्रसिद्ध है। हालांकि, टाइटैनिक सिर्फ एक प्रसिद्ध मलबा है, लेकिन इसे देखने के लिए उत्सुक था। इसे दिखाने के लिए ले जाने वाला यह अभियान ज्ञान को बढ़ाने के लिए था। इसलिए मैं सहमत हो गया और राशि भी भर दी।
उन्होंने बताया कि जैसे-जैसे यात्रा पर जाने का समय करीब आ रहा था, वैसे-वैसे उत्साह चिंता में बदलने लगी। इसलिए थोड़ी खोजबीन की और हैरान रह गया। पनडुब्बी में पुराने मचान खंभे इस्तेमाल किए गए थे। इसके नियंत्रण कंप्यूटर गेम-शैली कंट्रोलरों पर आधारित थे। उन्होंने कहा कि मैंने तुरंत न जाने का मन बना लिया और मलबा दिखाने ले जाने वाली कंपनी ओशनगेट को ईमेल किया।
कंपनी को किए गए मेल में मैंने लिखा था कि मैं इस यात्रा के लिए आगे नहीं बढ़ सकता। वहीं, आश्वस्त न होने के कारण मैंने रिफंड भी मांगा। ब्राउन ने कहा कि मैं जोखिम से भागने वालों में से नहीं हूं, लेकिन इस यात्रा को पूरा करने का मतलब था कि जान जाने का खतरा होना। व्यवसायी ब्राउन ने कहा कि मेरा दोस्त हामिश भी पनडुब्बी में सवार था।
संबंधित खबरें