Mahmud Ghaznavi के कब्र पर पहुंच कर तालिबानी नेता Anas Haqqani ने कहा कि Mahmud Ghaznavi एक महान मुस्लिम लड़ाका था। उसने Somnath Temple को ध्वस्त कर दिया था। अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबानियों के कब्जे के बाद अब अफगानिस्तान में पूरी तरीके से उनका शासन स्थापित हो गया है। अब तालिबान का असली चेहरा लोगों के सामने आने लगा है। देश पर कब्जे के बाद तालिबान ने दावा किया था कि वह किसी को चोट नहीं पहुंचाना चाहता है। सीधे तौर पर न सही लेकिन तालिबान ने भारत को चोट पहुंचाने की बात कही है। तालिबानी नेता ने भारत पर 17 बार आक्रमण करने वाले और सोमनाथ मंदिर पर हमला करने वाले महमूद गजनवी को अपना आर्दश बताया और बड़े ही शान से कहा कि उन्होंने सोमनाथ मंदिर (Somnath Temple) को भी तोड़ दिया था।
तालिबानी नेता अनस हक्कानी (Anas Haqqani) मंगलवार को महमूद गजनवी (Mahmud Ghaznavi) की कब्र पर पहुंचा था। यहां पहुंचकर उसने गजनवी की तारीफ की और सोमनाथ मंदिर को तोड़े जाने का भी जिक्र किया।
Anas Haqqani ने महमूद गजनवी को बताया मुस्लिम योद्धा
Anas Haqqani ने ट्वीट किया, ‘आज हमने 10वीं सदी के मुस्लिम योद्धा और मुजाहिद महमूद गजनवी की दरगाह का दौरा किया। गजनवी ने एक मजबूत मुस्लिम शासन स्थापित किया।’
बता दें कि भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक सोमनाथ मंदिर पर 1026 में महमूद गजनवी ने हमला किया था। कहा जाता है कि अरब यात्री अल-बरुनी के अपने यात्रा वृतान्त में मंदिर का उल्लेख देख गजनवी ने करीब 5 हजार साथियों के साथ इस मंदिर पर हमला कर दिया था।
यमीनी वंश का तुर्क सरदार था महमूद गजनवी
इतिहास के पन्नों में झांक कर देखें तो, महमूद गजनवी यमीनी वंश का तुर्क सरदार ग़ज़नी के शासक सुबुक्तगीन का पुत्र था। उसका जन्म ई. 971 में हुआ था। 27 साल की उम्र में ई. 998 में वह शासनाध्यक्ष बना था। उसने 17 बार भारत पर आक्रमण किया और यहां की अपार सम्पत्ति को वह लूट कर ग़ज़नी ले गया था।
आक्रमणों का यह सिलसिला 1001 ई. से आरंभ हुआ। यहां उसने मंदिरों को लूटने के बाद तोड़ दिया। हिंदुओं को प्रताड़ित किया। महमूद का सबसे बड़ा आक्रमण 1026 ई. में काठियावाड़ के सोमनाथ मंदिर पर था। मंदिर पर लगा सोना उसने लूट लिया। उसके साथ उसका भांजा सालार भी था वह हिंदू पुजारियों को प्रताड़ित करता था। साथ ही हिंदुओं का जबरन धर्म परिवर्तन करवाता था।
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