पूरी दुनियाभर में सबसे ज्यादा लोगों को प्रभावित करने वाला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Facebook तेजी से बदलाव की ओऱ बढ़ रहा है। इसी क्रम में Facebook ने हाल ही में अपना नाम बदलकर Meta रख लिया था। अब फेसबुक ने घोषणा की है कि वह अपने यहां फेस रिकग्निशन सिस्टम को बंद करने जा रहा है।
इस मामले में Facebook की नवनिर्मित मूल कंपनी MEta के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपाध्यक्ष जेरोम पेसेंटी ने मंगलवार को बताया कि यह परिवर्तन प्रौद्योगिकी के इतिहास में चेहरे की पहचान के उपयोग में सबसे बड़े बदलावों में से एक का प्रतिनिधित्व करेगा।
Facebook 1 अरब लोगों के व्यक्तिगत चेहरे की पहचान को हटाएगा
जेरोम पेसेंटी के मुताबिक फेसबुक के रोजाना के सक्रिय उपयोगकर्ताओं में से एक तिहाई से अधिक यूजर्स ने Facebook के फेस रिकग्निशन सेटिंग को चुना है। इस सिस्टम के हटाने के परिणामस्वरूप एक अरब से अधिक लोगों के व्यक्तिगत चेहरे की पहचान टेम्पलेट्स को हटा दिया जाएगा। एक दशक से अधिक समय पहले इस सिस्टम को पेश करने के बाद फेसबुक पहले ही चेहरे की पहचान के उपयोग को कम कर रहा था।
इस मामले में ज्यादा जानकारी साझा करते हुए उन्होंने बताया कि ‘फेसबुक के डेली एक्टिव यूजर में से एक तिहाई से अधिक ने फेस रिकग्निशन सेटिंग को चुना है और उन्हें पहचाना जा सकता है।
बीते कुछ समय से Facebook कई तरह की आलोचनाओं में घिरा है
चूंकि अब कंपनी ने इसे हटाने का फैसला लिया है तो 1 अरब से अधिक लोगों के व्यक्तिगत चेहरे की पहचान टेम्पलेट्स को हटा दिया जाएगा। पेसेंटी ने कहा कि Facebook बढ़ती सामाजिक चिंताओं के खिलाफ प्रौद्योगिकी के सकारात्मक उपयोग को बढ़ाने की लगातार कोशिश कर रहा था।
गौरतलब है कि फेसबुक के डेली यूजर्स में से एक तिहाई से अधिक ने सोशल नेटवर्क के सिस्टम द्वारा अपने चेहरों को पहचानने का विकल्प चुना है। यह 640 मिलियन की संख्या के करीब है। पेसेंटी ने कहा है कि फेस रिकग्निशन सेटिंग को हटाने का मतलब एक अरब से अधिक लोगों के व्यक्तिगत चेहरे की पहचान के टेम्प्लेट को पूरी तरह से हटाना होगा।
इसे भी पढ़ें: फेसबुक बनता जा रहा है वर्चुअल कब्रिस्तान, हर रोज मर रहे हैं 8 हजार यूजर्स