BRICS summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार से शुरू होने वाले 5 देशों के समूह ब्रिक्स के एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। 23 और 24 जून को होने वाले वार्षिक शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी उपस्थित होंगे। दरअसल, ब्रिक्स की यह बैठक इस सप्ताह यूक्रेन पर रूसी हमले से उत्पन्न राजनीतिक उथल-पुथल की पृष्ठभूमि में हो रहा है। शिखर सम्मेलन की मेजबानी इस बार चीन द्वारा की जा रही है।
BRICS summit से पहले चीन की चेतावनी
वहीं बैठक से पहले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने एक भाषण में सैन्य संबंधों को “विस्तार” करने के खिलाफ चेतावनी दी है। दरअसल,ब्रिक्स उभरती अर्थव्यवस्थाओं के प्रभावशाली क्लब की बैठक की मेजबानी कर रहा है। इन चारों देशों के पास वैश्विक आबादी का 40 प्रतिशत से अधिक और दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग एक चौथाई हिस्सा है।
चीन और भारत का रूस के साथ मजबूत सैन्य संबंध
बता दें कि अर्थव्यवस्था हमेशा ब्रिक्स के केंद्र में रही है, लेकिन यूक्रेन युद्ध गुरुवार को होने वाले शिखर सम्मेलन में भारी पड़ सकता है। भले ही खुले तौर पर युद्ध का जिक्र न हो, लेकिन इस पर निश्चित रूप से चर्चा हो सकती है जब भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो एक-दूसरे से बात करेंगे।
वहीं, चीन और भारत का रूस के साथ मजबूत सैन्य संबंध हैं और वे बड़ी मात्रा में इसके तेल और गैस खरीदते हैं। चीन और भारत दोनों ने रूस से कच्चे तेल के आयात में वृद्धि की है। अनुसंधान फर्म रिस्टैड एनर्जी के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत ने पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में मार्च से मई तक छह गुना अधिक रूसी तेल खरीदा है, जबकि उस अवधि के दौरान चीन द्वारा आयात तीन गुना हो गया। बता दें कि पिछले हफ्ते एक शी जिनपिंग ने अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन को आश्वासन दिया कि चीन “संप्रभुता और सुरक्षा” में रूस के मूल हितों का समर्थन करेगा। जिसके बाद संयुक्त राज्य अमेरिका ने चीन को चेतावनी दी थी।
क्या है BRICS summit?
ब्रिक्स (ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका) 5 सबसे बड़े विकासशील देशों को एक साथ लाता है, जो वैश्विक आबादी का 41 प्रतिशत, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 24 प्रतिशत और वैश्विक व्यापार का 16 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करता है।
ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा भी शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए तैयार हैं। वहीं पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा रेखा के बीच भी शिखर सम्मेलन हो रहा है। पिछले हफ्ते, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने ब्रिक्स देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की एक वर्चुअल बैठक में भाग लिया था। अपने संबोधन में डोभाल ने वैश्विक मुद्दों को विश्वसनीयता, समानता और जवाबदेही के साथ संबोधित करने के लिए बहुपक्षीय प्रणाली में तत्काल सुधार की आवश्यकता पर जोर देते हुए बिना किसी आरक्षण के आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया।