मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) को फरार घोषित कर दिया गया है। क्राइम ब्रांच की ओर से अपर मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने अर्जी मंजूर कर ली। गोरेगांव वसूली मामले में क्राइम ब्रांच ने कोर्ट में अर्जी लगाई थी, जिसके बाद कोर्ट ने अर्जी मंजूर कर ली। अगर परमबीर सिंह 30 दिनों के भीतर पेश नहीं होते हैं, तो उनकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी। इस मामले में परमबीर सिंह, रियाज भाटी और विनय सिंह को फरार घोषित कर दिया गया है।
कई बार गैर-जमानती वारंट जारी किया जा चुका है
इससे पहले IPS परमबीर सिंह के खिलाफ कई बार गैर-जमानती वारंट जारी किया जा चुका है। परमबीर सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख से जुड़े 100 करोड़ रुपये की कथित वसूली के मामले में जारी किया गया था।
गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे की सरकार ने परमबीर सिंह के द्वारा अनिल देशमुख पर लगाये गये वसूली के आरोपों की जांच के लिए चांदीवाल आयोग का गठन किया है। जब चांदीवाला आयोग ने मामले में तहकीकात शुरू की तो सबसे पहले बयान लेने के लिए परमबीर सिंह को नोटिस भेजा।
आरोप लगाने के बाद से गायब हैं परमबीर सिंह
आयोग के बुलावे पर बयान दर्ज करवाने की बजाय परमबीर सिंह गुपचुप तरीके से फरार हो गये। परमबीर सिंह महाराष्ट्र पुलिस में महानिदेशक होमगार्ड के पद पर तैनात थे। आश्चर्य है कि परमबीर सिंह आयोग के सामने अपना बयान दर्ज कराने के लिए पेश नहीं हुए, जबकि पूरा मामला ही उनके आरोपों पर आधारित था। उन्हें गवाही के लिए कई बार समन भेजा गया लेकिन वह आयोग के सामने पेश नहीं हुए।
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