आजम खान के गढ़ में कमल खिलाने वाले Ghanshyam Singh Lodhi कौन है? जानें यहां

बीजेपी के घनश्याम लोधी 42,192 वोटों से जीत दर्ज की है। वहीं, सपा प्रत्याशी आसिम राजा को हार का सामना करना पड़ा है।

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Ghanshyam Singh Lodhi
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Ghanshyam Singh Lodhi: रामपुर उपचुनाव में बीजेपी के घनश्याम सिंह लोधी ने आजम खान को बड़ा झटका दिया है और उपचुनाव के दंगल में खान के करीबी उम्मीदवार को उनके ही घर में मात दी है। एक समय था कि घनश्याम सिंह आजम खान के राइट हैंड माने जाते थे। रामपुर लोकसभा क्षेत्र में उपचुनाव के लिए आज यानी 26 जून को सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू हुई। बीजेपी के प्रत्याशी घनश्याम सिंह लोधी ने 42,192 मतों के अंतर से जीत दर्ज की है।

रामपुर में Ghanshyam Singh Lodhi 42,192 वोटों से जीते

बता दें कि रामपुर लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी ने बंपर जीत दर्ज की है। बीजेपी के प्रत्याशी घनश्याम सिंह लोधी ने रामपुर के नए सांसद बन गए हैं। बीजेपी के घनश्याम लोधी 42,192 वोटों से जीत दर्ज की है। वहीं, सपा प्रत्याशी आसिम राजा को हार का सामना करना पड़ा है। यूपी लोकसभा उपचुनाव परिणाम को लेकर चुनाव आयोग के अनुसार, रामपुर में बीजेपी प्रत्याशी घनश्याम सिंह लोधी को अब तक 324782 वोट प्राप्त हुए हैं जबकि सपा प्रत्याशी आसिम राजा को 366457 वोट मिले हैं।

Ghanshyam Singh Lodhi
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Ghanshyam Singh Lodhi का बीजेपी से पुराना नाता

रामपुर की लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर घोषित किए गए घनश्याम सिंह लोधी, सपा छोड़कर विधानसभा के चुनावों के दौरान अपने पुराने घर भाजपा में वापस आए हैं। घनश्याम सिंह लोधी जहां पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के बेहद करीबी रह चुके हैं तो वही आजम खान से भी उनका गहरा सियासी नाता रहा है। यही कारण है कि वह 2004 में हुए एमएलसी चुनाव के दौरान कल्याण सिंह की राष्ट्रीय क्रांति पार्टी और मुलायम सिंह यादव की सपा के गठबंधन के टिकट पर चुनाव के लिए खड़े हुए थे।

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सपा और बसमा पार्टी में भी हो चुके हैं शामिल

वह 2004 में घनश्याम सिंह लोधी ने एमएलसी चुनाव के दौरान कल्याण सिंह की राष्ट्रीय क्रांति पार्टी और मुलायम सिंह यादव की सपा के गठबंधन के टिकट पर चुनाव लड़ा था और विजय प्राप्त की थी। उसके बाद सूबे मे समाजवादी पार्टी की सत्ता का सूर्य अस्त हुआ और बसपा सुप्रीमो मायावती ने 2007 में विधानसभा का चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर कब्जा जमाया था। तब घनश्याम सिंह लोधी ने मौके की नजाकत को देखते हुए अपना राजनीतिक दल बदलते हुए बसपा में शामिल हो गए थे।

बसमा में उनका 6 साल तक का सफर चला। फिर भी वह वर्ष 2009 में एमएलसी रहते हुए बसपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़े। हालांकि इस चुनाव में सपा के टिकट पर अभिनेत्री जयाप्रदा ने जीत हासिल की और वह तीसरे नंबर पर रहे। फिर वह सपा में शामिल हो गए। फिर एक बार वर्ष 2016 में एमएलसी के चुनाव हुए और उस समय आजम खान से उनकी नज़दीकियां चरम पर थी जिसके चलते उन्हें फिर से इस चुनाव में जीत हासिल हुई।

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4 महीने पहले बीजेपी में हुए शामिल

हालांकि 2022 के एमएलसी चुनाव से पहले विधानसभा चुनावों के दौरान उन्होंने एक बार फिर सपा को टाटा बाय- बाय कर दिया और अपनी पुरानी पार्टी भाजपा में शामिल हो गए। अब दिलचस्प बात यह है की घनश्याम सिंह लोधी ने महज 4 महीने के अंदर ही भाजपा के नामी-गिरामी चेहरों में शुमार होकर और हर दिन स्थानीय जनता के बीच चर्चाओं में शामिल होते हुए, आखिर रामपुर से टिकट हासिल कर ही लिया।

केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी एवं भाजपा नेत्री जयाप्रदा जैसे दिग्गजों के नाम को पछाड़ते हुए लोधी को टिकट हासिल हुई है। भाजपा खेमे में खास तौर से स्थानीय भाजपाइयों में उनके टिकट की घोषणा के बाद जोश आ चुका है और सभी पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता इसी जोश के साथ घनश्याम सिंह लोधी को विजय दिलाने को लेकर अपने अपने क्षेत्रों में कूंच कर चुके हैं।

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