Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) के नेता उद्धव ठाकरे की सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसला का स्वागत किया है और कहा कि तत्कालीन राज्यपाल को सत्र बुलाने का अधिकार नहीं था। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल किसी कानून के तहत नहीं आते तो इसका अर्थ यह नहीं है कि वे अपनी मनमानी करें।

उद्धव ठाकरे ने प्रेसवार्त के दौरान कहा कि कल सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे-भाजपा का चेहरा देश के सामने लाया है और इसके लिए मैं कोर्ट का धन्यवाद करता हूं। उन्होंने कहा कि कल बीजेपी उत्सव मनाए समझ में आता है लेकिन गद्दारों ने उत्सव मनाया यह समझ नहीं आया।
Uddhav Thackeray: वर्तमान सरकार को अंतरिम राहत-उद्धव ठाकरे
Uddhav Thackeray: वर्तमान शिंदे सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कोर्ट ने साफ कहा है कि शिंदे-भाजपा सरकार अवैध है। अब जैसे कोर्ट का फैसला आ गया है, हम जनता की अदालत में जाएंगे। कोर्ट ने वर्तमान सरकार की अवैधता के बारे में सब कुछ कहा है। इस वर्तमान सरकार को अंतरिम राहत है। स्पीकर को जल्द से जल्द मामले पर फैसला लेना चाहिए। अगर वे कोई गलत फैसला देते हैं तो हम फिर कोर्ट जाएंगे।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोर्ट ने कहा कि अगर उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा नहीं दिया होता तो आज सीएम हो सकते थे इसका अर्थ यह है कि अभी जो सरकार है वह असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के फैसले को लेकर संतोष व्यक्त करता हूं। जैसी स्थिति में सीएम नहीं बनना चाहता था और नैतिकता की वजह से इस्तीफा दिया।
कोर्ट ने साफ कहा है कि शिंदे-भाजपा सरकार अवैध है। अब जैसे कोर्ट का फैसला आ गया है, हम जनता की अदालत में जाएंगे। कोर्ट ने वर्तमान सरकार की अवैधता के बारे में सब कुछ कहा है। आगे वह कहते हैं कि उन्होंने जो गैरकानूनी काम किया है उसके लिए मुझे लगता है कि उनके खिलाफ मुकदमा चलना चाहिए। राज्यपाल किसी कानून के तहत नहीं आते तो इसका मतलब यह नहीं है कि वे अपनी मनमर्जी करें।
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