Hijab Controversy पर Karnataka High Court का फैसला आज, 21 मार्च तक आंदोलन पर प्रतिबंध

मुस्लिम लड़कियों के स्कूल कॉलेज में हिजाब पहनने को लेकर कोर्ट सुबह 10.30 बजे के करीब फैसला सुना सकता है।

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Hijab Controversy
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Hijab Controversy: हिजाब विवाद मामले पर आज कर्नाटक हाई कोर्ट फैसला सुनाएगा। इसे ध्यान में रखते हुए बेलगाम और चिक्कबल्लापुरा में धारा 144 लगा दी गई है। फैसले से पहले 21 मार्च तक बेंगलुरु में सार्वजनिक स्थानों पर सभी प्रकार की सभा, आंदोलन विरोध या समारोह पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मुस्लिम लड़कियों के स्कूल कॉलेज में हिजाब पहनने को लेकर कोर्ट सुबह 10.30 बजे के करीब फैसला सुना सकता है। किसी प्रकार का कोई बवाल न हो इसे ध्यान में रखते हुए कलबुर्गी में सोमवार शाम 8 बजे 19 मार्च की सुबह 6 बजे तक धारा 144 लागू कर दी गई है।

Hijab Controversy पर फैसला आज

Hijab Controversy
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घटना फरवरी 2022 में कर्नाटक (Karnataka) के उड्डुपी (Udupi) के कुंडापुर के सरकारी First Grade College और स्कूल में हुई थी। भगवा गमछमा पहनकर लड़कों का विरोध करना कॉलेज के प्रबंधन पर इतना असर कर गया कि उन्होंने हिजाब पहन कर आने वाली लड़कियों की कॉलेज में एंट्री बंद कर दी। लड़कियों के सामने शर्त रखी गई कि वे अगर हिजाब को कॉलेज के बाहर उतार कर आती हैं तो उन्हें प्रवेश मिलेगा। इसे लेकर लड़कियों ने 9 फरवरी को कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी|

जाहिर है उड्डुपी की लड़कियों ने हिजाब विरोध मामले पर कर्नाटक हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर मांग की थी कि उन्हें स्कूल और कॉलेज में हिजाब पहनने से न रोका जाए। यह उनके आस्था का विषय है। इस पर 9 फरवरी को मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जएम खाजी की उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ का गठन किया गया था।

Hijab Controversy क्या है?

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हिजाब बनाम भगवा का मामला अचानक शुरू नहीं हुआ। दरअसल दिसंबर 2021 में कर्नाटक का उड्डुपी जिला, उड्डुपी के गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज फॉर गर्ल्स से एक विवाद शुरू हुआ। कुछ मुस्लिम छात्राओं ने आरोप लगाया था कि उन्हें क्लास में हिजाब पहनने से रोका गया है। जनवरी में उन छात्राओं ने कॉलेज कैंपस में ही प्रोटेस्ट किया। इसको स्थानीय मीडिया ने उछाल दिया। इस विवाद में फिर अलग अलग संगठन कूद गए। हिंदू संगठन मांग करने लगे कि उन्हें भी स्कूल कॉलेजों में धार्मिक प्रतीक इस्तेमाल करने की इजाजत दी जाए। यहीं से हिजाब का विरोध शरू हुआ और अब तक खत्म नहीं हुआ है।

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