MP Harda Factory: ‘हरदा पटाखा फैक्ट्री’ में 11 मौतों का जिम्मेदार कौन?

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MP Harda Factory: मध्य प्रदेश के हरदा शहर में मंगलवार को एक पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट होने से 11 लोगों की मौत हो गई। बिना लाइसेंस वाली फैक्ट्री में एक के बाद एक कई विस्फोट हुए। पीड़ितों के परिवार वाले अपनों की खोज में लगे रहे। जानकारी के मुताबिक पटाखा फैक्ट्री बिना वैध लाइसेंस और जरूरी सुरक्षा सावधानियों के बिना चल रही थी। पुलिस ने इस मामले में पटाखा फैक्ट्री के मालिक राजेश अग्रवाल समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। सवाल उठता है कि क्या दो साल में इस पटाखा फैक्ट्री पर पुलिस या प्रशासन की नजर नहीं पड़ी जबकि यहां करीब 200 मजदूर काम करते थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राजेश अग्रवाल को पुलिस ने उस वक्त पकड़ा था जब वह हादसे के बाद अपनी कार से कथित तौर पर दिल्ली की ओर भागने की कोशिश कर रहा था। पुलिस को जैसे ही सूचना मिली वैसे ही घेराबंदी करके आरोपी को पकड़ लिया। पुलिस की ओर से कहा गया है कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), और 34 (सामान्य इरादे को आगे बढ़ाने में कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

विस्फोट के बाद हुए भूकंप जैसे हालात

विस्फोट के बाद पूरे क्षेत्र में काला धुआं फैल गया। धमाका इतना तेज था कि आसपास के घरों और दुकानों की खिड़कियां टूट गईं। जानकारी के मुताबिक इस घटना में फैक्ट्री के आसपास के दर्जनों घर जल गए और कई वाहन भी विस्फोट से लगी आग की चपेट में आ गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने इस की तुलना हरदा में आए भूकंप से की। इस घटना के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राजधानी के हमीदिया अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात भी की।

पहले भी हुए धमाके

सील किए जाने के बाद भी फैक्ट्री ने साल 2017 में पटाखे बनाना जारी रखा और अगस्त 2018 तक गैर-परिचालन बाकी रहा। फैक्ट्री ने 2018-19 में परिचालन फिर से शुरू किया, 2022 तक अपने स्टॉकिंग और बिक्री लाइसेंस को रिन्यू करवाने का प्रबंधन किया।

आपको बता दें कि इसी फैक्ट्री में तीन साल पहले हुए एक अन्य विस्फोट में एक ही परिवार की तीन महिला मजदूरों की जान चली गई थी और 2021 में हुई एक और घटना में 3 लोगों की मौत हो गई थी और तब इस मामले में फैक्ट्री मालिकों में से एक राजेश अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में उसे जमानत पर रिहा भी कर दिया गया। बार-बार होने वाली दुर्घटनाओं और सुरक्षा चिंताओं के बाद भी साल 2022 में कारखाने का लाइसेंस रिन्यू कर दिया गया, जिसकी वजह से फैक्ट्री में पटाखे बनना जारी रहे और ये बड़ी घटना हो गई।

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