Lakhimpur Kheri: लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) के तिकुनिया कांड में गिरफ्तार किए सभी 13 आरोपियों पर IPC के 147, 148 ,149, 307, 326, 302 ,1208 ,427 ,34 ,177 MV एक्ट के तहत चार्जशीट दाखिल की गई। वहीं चार आरोपियों आशीष मिश्रा, अंकित दास, लतीफ और सत्यम पर आर्म एक्ट के तहत धारा बढ़ाई गई। आरोपी नंदन बिष्ट पर 5/27, सुमित जयसवाल पर 3/25 और वीरेंद्र शुक्ला पर 201 के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया है।
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बता दें कि आज लखीमपुर हिंसा मामले को तीन महीने पूरे हो गए हैं। इस बीच सोमवार को इस मामले में SIT लोहे के बक्से में चार्जशीट लेकर कोर्ट पहुंची। 6 जनवरी से पहले चार्जशीट दाखिल करनी थी इसलिए जांच टीम ने CJM कोर्ट में 5 हज़ार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है।
Lakhimpur Kheri मामले में गयी थी किसानों की जान
मालूम हो कि पिछले साल 3 अक्टूबर को चार किसान और एक पत्रकार सहित 8 लोगों की मामले में जान चली गयी थी। तिकुनिया कांड में केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा सहित 13 आरोपी जिला कारागार में बंद हैं। जानकारी के मुताबिक केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के पुत्र आशीष मिश्रा घटनास्थल पर मौजूद थे। अजय मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाया गया है। चार्जशीट में वीरेंद्र शुक्ला का नाम बढ़ाया गया है जो कि सबूत छिपाने का आरोपी है।
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Lakhimpur Kheri कांड क्या है?
गौरतलब है कि पिछले साल तीन अक्टूबर को यूपी में लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में चार किसानों को एक एसयूवी कार से कुचल दिया गया था, जब वह एक कार्यक्रम में कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर लौट रहे थे। घटना के बाद हुई हिंसा में भी कुछ लोग मारे गए।
घटना के दौरान एक स्थानीय पत्रकार रमन कश्यप भी मारे गए थे। किसानों ने आरोप लगाया था कि एसयूवी अजय मिश्रा टेनी की थी और उसमें उनका बेटा आशीष मिश्रा था।
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सुप्रीम कोर्ट में मामले की पहली सुनवाई आठ अक्टूबर को हुई थी। हिंसा के कई दिनों के बाद आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को 9 अक्टूबर को कई घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था।
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इसके बाद एसआईटी ने अपनी जांच में पाया कि किसानों को गाड़ी से कुचलने की पूरी घटना एक सोची समझी साजिश थी। फिर एसआईटी ने आरोपियों पर लगाई गई धाराएं भी बदल दीं।
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