Allahabad HC: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्टाफ नर्स के 1729 पदों की भर्ती का विज्ञापन दोबारा जारी करने पर रोक लगा दी है। राज्य सरकार और लोकसेवा आयोग प्रयागराज से याचिका पर जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई जुलाई में होगी।
ये आदेश न्यायमूर्ति राजीव जोशी ने प्रीति पटेल, विवेक कुमार एवं अन्य की याचिका पर दिया है।याचिका पर अधिवक्ता रोहित द्विवेदी, अजय त्रिपाठी,सूर्यप्रकाश पांडेय और राज्य सरकार व लोक सेवा आयोग के अधिवक्ताओं ने बहस की।मामले के अनुसार उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने स्टाफ नर्स भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था।
Allahabad HC: कटऑफ से ज्यादा अंक पाने आने पर भी चुनाव नहीं
भर्ती प्रक्रिया अंतिम परिणाम घोषित करने के साथ ही विवादों में आ गई थी। प्रीति पटेल एवं अन्य अभ्यर्थियों ने याचिका दाखिल कर विभिन्न संस्थानों के अनुभव प्रमाण पत्र को मान्यता न देने और कटऑफ से ज्यादा अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को अंतिम सफल परिणाम में शामिल न करने का आरोप लगाया।
याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कहा गया कि तीन सदस्यीय समिति बनाकर 15 हजार अभ्यर्थियों के अनुभव प्रमाण पत्रों का स्क्रूटिनी की जा रही है। समिति 45 दिन में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
इस पर कोर्ट ने मामले को जुलाई के तीसरे सप्ताह में समिति की रिपोर्ट के साथ पेश करने का निर्देश दिया। सरकार एवं आयोग को याचिका पर शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है। तब तक 1729 पदों के लिए नया विज्ञापन जारी करने पर रोक लगा दी है।
Allahabad HC: जौनपुर की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की जांच के निर्देश
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad HC) ने जौनपुर के खेतासराय कस्बे की सरकारी जमीन पर बने अवैध कब्जों के खिलाफ कड़ा कदम उठाया है। दरअसल यहां की जमीन पर बने प्राइमरी स्कूल, तालाब, कब्रिस्तान, खलिहान, गांधी चबूतरा आदि का नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज है। अवैध कब्जे की जिलाधिकारी को जांच कर कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। आरोप है कि सरकारी जमीनों पर फारुख आजम और उनकी पत्नी ने फर्जी बैनामा करवाकरर अवैध कब्जा कर लिया है।
Allahabad HC: अवैध अतिक्रमण हटाने की मांग
सुनवाई न होने पर जय सिंह मौर्य ने (Allahabad HC) में जनहित याचिका दायर कर अवैध अतिक्रमण हटाने की मांग की है। विपक्षियों पर तालाब को पाटकर प्लाटिंग करने का आरोप लगाया गया है।
याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने जिलाधिकारी जौनपुर को जांच करने का निर्देश दिया है। कहा है कि यदि अतिक्रमण पाया जाता है तो राजस्व अधिकारी राजस्व संहिता के तहत कार्रवाई करें। यदि कार्रवाई से कोई पीड़ित हो तो उचित फोरम में एक हफ्ते में चुनौती दे सकता है।
कोर्ट ने कहा कि जरूरत हो तो पुलिस बल की मदद ली जाए। कोर्ट ने एसपी जौनपुर को राजस्व अधिकारियों की मांग पर पुलिस बल मुहैया कराने का भी निर्देश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि ध्वस्तीकरण कार्रवाई के बाद अतिक्रमण करने वाले लोगों से क्षतिपूर्ति की वसूली कार्रवाई भी की जाए। सारी प्रक्रिया तीन माह में पूरी करने का समय दिया।7 जुलाई 22 को जिलाधिकारी कार्रवाई की रिपोर्ट पेश करेंगे।
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