PFI: उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने शनिवार को पीएफआई के चार सदस्यों को शामली, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर और मेरठ से गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने ‘गजवा-ए-हिंदी’ से संबंधित साहित्य भी बरामद किया है। वहीं, आरोपियों के पास से पेन ड्राइव में आईएस और कश्मीरी मुजाहिद से संबंधित वीडियो भी मिला है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान शादाब अजीज कासमी, मुफ्ती शहजादा, मौलाना साजिद और इस्लाम कासमी के रूप में हुई है। एटीएस अधिकारियों को जानकारी मिली कि पीएफआई और अन्य मुस्लिम संगठन राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं और 2047 तक भारत को ‘गज़वा-ए-हिंद’ में बदलने की साजिश रच रहे हैं।
भारत में 2047 तक शरीयत लागू करना था आरोपियों का लक्ष्य
अधिकारियों ने कहा कि आरोपियों का लक्ष्य 2047 तक शरीयत लागू करना था। उनका प्रभाव सीएए और एनआरसी के विरोध प्रदर्शनों में देखा गया। आरोपियों ने कहा कि उन्होंने केरल के मंजिरी में शिविरों का दौरा किया था। इस दौरान वो जूडो, कराटे और हथियारों का प्रशिक्षण लिया। इन चारों गिरफ्तार आरोपियों के खिलमेरठ के थाना खरखोदा में धारा-120बी, 121ए, 153ए, 295ए, 109, 505(2) आईएमडी और धारा 13(1)(बी) गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
ऑपरेशन ऑक्टोपस के तहत पकड़े गए आरोपी
आरोपियों में से एक मोहम्मद शादाब अजीज कासमी एसडीपीआई के पश्चिमी उत्तर प्रदेश विंग के महासचिव है। यूपी एटीएस ने सात दस्तावेज फाइलें, 11 वीडियो, पेन ड्राइव से 179 भड़काऊ तस्वीरें और इस्लामिक स्टेट (आईएस) से संबंधित साहित्य भी बरामद किया है। इस बीच, 15 राज्यों में फैले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के सदस्यों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई का कोड-नाम ‘ऑपरेशन ऑक्टोपस’ था।
22 सितंबर को 11 राज्यों में एनआईए, ईडी और राज्य पुलिस की एक संयुक्त टीम द्वारा किए गए कई छापे में 106 से अधिक पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। एनआईए के नेतृत्व में बहु-एजेंसी टीमों ने गुरुवार को पीएफआई के 106 पदाधिकारियों को एक साथ छापेमारी में गिरफ्तार किया था।
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