Dhumavati Jayanti 2022: जानें कब है धूमावती जयंती, आखिर क्यों भगवान शिव ने दिया था माता पार्वती को श्राप

Dhumavati Jayanti 2022: इस साल धूमावती जयंती 08 जून को है। धूमावती जयंती ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी को मनाई जाती है।

0
273
Dhumavati Jayanti 2022: जानें कब है धूमावती जयंती, आखिर क्यों भगवान शिव ने दिया था माता पार्वती को श्राप
Dhumavati Jayanti 2022: जानें कब है धूमावती जयंती, आखिर क्यों भगवान शिव ने दिया था माता पार्वती को श्राप

Dhumavati Jayanti 2022: हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को धूमावती जयंती मनाई जाती है। इस साल धूमावती जयंती 8 जून को मनाई जा रही है। इन्हें मां पार्वती का उग्र रूप माना जाता है। धूमावती को अलक्ष्मी के नाम से भी जाना जाता है। इस खबर में हम आपको धूमावती जयंती का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व बताएंगे।

Dhumavati Jayanti 2022: शुभ मुहूर्त और तिथि

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ शुक्ल की अष्टमी तिथि 7 जून की सुबह 7 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगी और 8 जून की सुबह 8 बजकर 30 मिनट तक रहेगी। उद्या तिथि के अनुसार धूमावती जयंती 8 जून को मनाई जाएगी।

E4JveCjVUAIsvz ?format=jpg&name=small

Dhumavati Jayanti 2022: महत्व

माता धूमावती का व्रत रखने और विधि पूर्वक पूजा करने से पुण्य प्राप्त होता है। लोगों में ऐसी मान्यता है कि इनकी कृपा से रोग और परिवार की दरिद्रता दूर हो जाती है। माता धूमावती की पूजा करने से विपत्तियों से मुक्ति की भी मान्यता है।

कौन हैं मां धूमावती

मां धूमावती को माता पार्वती का उग्र स्वरूप माना जाता है। यह विधवा, कुरूप, खुले बालों वाली, दुबली पतली, सफेद साड़ी पहनी रथ पर सवार रहती हैं। इनको अलक्ष्मी भी कहते हैं। लोगों के बीच इनकी एक कहानी प्रसिद्ध है। एक बार माता पार्वती को बहुत तेज भूख लगी, उन्होंने भगवान शिव से खाने की व्यवस्था करने के लिए कहा, तो भगवान शिव ने तुरंत ही भोजन की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया। लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी भोजन नहीं आया।

D8qpApKV4AInYbk?format=jpg&name=small

Dhumavati Jayanti 2022: इधर भूख से व्याकुल माता पार्वती भोजन का इंतजार कर रही थीं। जब भूख बर्दाश्त नहीं हुई, तो उन्होंने भगवान शिव को ही निगल लिया। ऐसा करते ही उनके शरीर से धुआं निकलने लगा। भगवान शिव उनके उदर से बाहर आ गए और कहा कि तुमने तो अपने पति को ही निगल लिया, अब से तुम विधवा स्वरूप में रहोगी और धूमावती के नाम से प्रसिद्ध होगी।

संबंधित खबरें:

Ganga Dusshera 2022: जानें कब है गंगा दशहरा, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और कथा…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here