World Wildlife Day: वन्यजीव संरक्षण और उनकी लुप्त होती प्रजातियों को सहेजने के लिए सरकारी स्तर पर कई बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इसके साथ ही कई संस्थान और लोग भी इनके संरक्षण और लोगों को इनका महत्व बताने में जुटे हुए हैं। आज वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे के मौके पर आपको बताने जा रहे हैं, ऐसे ही कुछ लोगों के नाम और उनके काम जिन्होंने वन्य जीव संरक्षण के साथ समाज को उनका महत्व भी बताया। फिर चाहे तितली (Butterfly) हो, कोयल, हिरण (Dear) या बाघ (Tiger) आज उन लोगों के अथक प्रयासों से इनकी संख्या बढ़ने के साथ ही पर्यावरण संरक्षण भी हुआ है। दिल्ली के यमुना बायोडाइवर्सिटी पार्क, हरियाणा का सुल्तानपुर बर्ड सेंचुरी, यूपी का ओखला बर्ड सेंचुरी और असोला भाटी सेंचुरी ऐसे नाम हैं, जहां वन्यजीव सरंक्षण के साथ पर्यावरण को भी फायदा हो रहा है। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे के मौके पर आप अपने परिवार के साथ इन जगहों पर घूमकर प्रकृति का लुत्फ उठा सकते हैं।
World Wildlife Day: यमुना किनारे प्रवासी पक्षियों और तितलियों के लिए खास है यमुना बायोडाइवर्सिटी पार्क
उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी क्षेत्र के समीप और यमुना के किनारे वन्य जीवों को सहेजने के लिए यमुना बायोडाइवर्सिटी पार्क विकसित किया गया है। ये पार्क अपने आप में ही खास है। करीब 457 एकड़ क्षेत्रफल में फैले इस पार्क में आपको देसी और विदेशी प्रवासी पक्षी, तितली, कोयल, गिलहरी और गौरेया से लेकर हर्बल गार्डन भी मिलेगा। कभी खारे पानी, गंदगी और जंगली घास से घिरी इस जगह को पूरे देश में पहचान दिलाने का श्रेय यहां के इंचार्ज डा फैयाज खुदसर को जाता है। डॉ खुदसर और उनकी टीम की मेहनत ने आज इस पार्क को वन्यजीव और पर्यावरण संरक्षण दोनों की क्षेत्र में एक अलग पहचान दिलाई है।

World Wildlife Day: जलीय पक्षियों का स्वर्ग है ओखला बर्ड सेंचुरी
करीब 3 .5 किलोमीटर के क्षेत्र में फैले ओखला बर्ड सेंचुरी पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। खासतौर से यहां पाए जाने वाले जलीय पक्षियों की सुंदर प्रजातियों के लिए। दिल्ली और उत्तर प्रदेश के नोएडा के बॉर्डर पर स्थित इस सेंचुरी में पक्षियों के संरक्षण की सभी संभावनाएं बनाई गईं हैं। यही वजह है कि ओखला बर्ड सेंचुरी देशी और प्रवासी दोनों प्रकार के जलीय पक्षियों के लिए अनूठा है। मेट्रो के संचालन होने के बाद से यहां पहुंचना अब और भी अधिक सुगम हो गया है।
इस सेंचुरी की विशेषता यहां स्थित झील है, जिसका निर्माण यमुना नदी पर बांध बनाकर किया गया है। जल का भराव ओखला गांव के पश्चिम में और गौतम बुद्ध नगर के पूर्व में है। पक्षी वैज्ञानिकों के अनुसार यह झील प्रवासी पक्षियों की 319 प्रजातियों को आकर्षित करती हैं जिनमें से लगभग 50% तिब्बत, यूरोप और साइबेरिया जैसे ठंडे क्षेत्रों से इस हिस्से की गर्म जलवायु के लिए आते हैं। प्रवासी पक्षी यहां सर्दी की शुरुआत यानी नवंबर में और गर्मी की शुरुआत यानी मार्च में इस स्थान को छोड़ देतें हैं

बर्ड वॉचिंग के लिए खास है गुरुग्राम स्थित सुलतानपुर बर्ड सेंचुरी
हरियाणा के गुरुग्राम में बनाए गए सुलतानपुर बर्ड सेंचुरी का नाम ही काफी है। हालांकि कोरोना काल में यहां सैलानियों की संख्या में कमी जरूर आई, लेकिन यहां नौकायन के साथ पक्षियों की अठखेलियों को देखना लोगों को बहुत भाता है। इस सेंचुरी की खोज का श्रेय जैक्सन नामक एक पक्षी प्रेमी को जाता है। यहां एक प्राचीन झील भी है। इस विशाल प्राकृतिक झील में प्रत्येक वर्ष प्रजनन के लिए पक्षियों और साइबेरिया के लगभग 100 प्रजातियां प्रजातियां, लगभग 265 एकड़ जमीन में फैली हैं। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटक इस स्थान पर जाते हैं।
सुल्तानपुर नेशनल पार्क में हर वर्ष विश्व के विभिन्न देशों से 100 से अधिक प्रजातियों के लगभग 50,000 पक्षी यहां आते हैं। हरियाणा सरकार प्राकृतिक परिदृश्य और हरियाली को इस सेंचुरी के माध्यम से संतुलित ढंग से विकसित कर रही है। हरियाणा सरकार की ओर से इस कार्य के लिए 770 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है। पिछले माह ही हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने यहां का दौरा भी किया था। ये सेंचुरी आर्द्रभूमि पर बनी है, ऐसे में राज्यपाल को यहां के वेटलैंड्स के महत्व और विशेषताओं से भी अवगत कराया गया।

नीली झीलों के लिए प्रसिद्ध असोला भाटी सेंचुरी
नील गाय, तेंदुआ, खरगोश, बिल्ली और बंदर समेत सांप की कई प्रजातियों को देखने के लिए आप दिल्ली स्थित असोला भाटी सेंचुरी का रूख कर सकते हैं। दिल्ली सरकार की ओर से असोला भाटी सेंचुरी में सौंदर्यीकरण का कार्य लगभग पूरा होने को है। डीडीए की भूमि पर विकसित की गई सेंचुरी में आकर आपको ऐसा महसूस होगा, कि आप प्रकृति के काफी निकट पहुंच गए हैं। ये अपनी 4 नीली पानी की झील के लिए भी मशहूर है। इन झीलों की खासियत है कि बारिश के बाद यहां बनी झील में एकत्रित पानी हरे की जगह नीले रंग में चमकता है। यही वजह है कि यहां बनी झील नीली झील के रूप मेंप्रसिद्ध हैं। इसके अलावा दिल्ली पर्यावरण एवं वन मंत्रालय की ओर से यहां पर गाइड, बैटरी गाड़ी आदि की व्यवस्था भी करवाई जा रही है, ताकि यहां आने वाले सैलानियों को सुविधा हो। दक्षिणी दिल्ली और फरीदाबाद के छोर पर होने की वजह से यहां एनसीआर से भी पहुंचा जा सकता है।

सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहीं वन्य जीवों से प्रेम की तस्वीरें
वर्ल्ड वाइल्डलाइफ डे के मौके पर कई बड़ी हस्तियों के पशु प्रेम और उनके दिए गए संदेश आज सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड हो रहे हैं। ट्वीटर पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, भाजपा नेता संबित पात्रा आदि के वन्यजीव प्रेम और उनकी ओर से दिया गया संदेश खूब ट्रेंड हो रहा है। लोगों को पर्यावरण संरक्षण और वन्य जीव बचाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
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