Offbeat News: माली और हिरण के बच्चे की दोस्ती सुर्खियों में, बकरियों को मां समझ कर पीता है दूध…

वर्ष 1996 में बने इस पार्क को लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए किया गया था। जिसकी देखरेख यहां खुशीराम नामक माली को रखा गया था। कुछ दिनों पहले जब खुशीराम ने अपनी बकरियों को चरने के लिए छोड़ा तो शाम को बकरियों के झुंड में एक हिरण का छोटा बच्चा भी आ गया।

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Offbeat News: माली और हिरण के बच्चे की दोस्ती सुर्खियों में
Offbeat News: माली और हिरण के बच्चे की दोस्ती सुर्खियों में

Offbeat News: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यूपी के हमीरपुर जिले में वन विभाग के माली और हिरण के बच्चे की दोस्ती सुर्खियों में है। करीब डेढ़ महीने का दुर्लभ हिरण का बच्चा माली की बकरियों के साथ उसके घर पहुंच गया, जिसके बाद माली अब उसकी देखरेख कर उसे जंगली जानवरों से बचा उसकी हिफाजत कर रहा है। यह हिरण का बच्चा बकरियों का दूध पीता है और बकरियां भी उसे अपना बच्चा समझ कर दूध पिलाती है।

शहरीय क्षेत्र में हिरण का बच्चा दिखने से लोगों में उत्सुकता है, सूखे, वीरान और मिट्टी के टीलों के बीच हिरण की मौजूदगी को लेकर वाइल्ड लाइफ प्रेमियों में खुशी की लहर है। फिलहाल वन विभाग के लिए यह हिरण का बच्चा एक पहेली बना हुआ है।

Offbeat News: बता दें कि हमीरपुर जिला मुख्यालय से महज 2 किलोमीटर दूर सिटी फाॅरेस्ट नामक स्थान वन विभाग द्वारा निर्मित किया गया था।

वर्ष 1996 में बने इस पार्क का निर्माण लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए किया था। जिसकी देखरेख के लिए यहां खुशीराम नामक माली को रखा गया था। दरअसल, कुछ दिनों पहले जब खुशीराम ने अपनी बकरियों को चरने के लिए छोड़ा तो शाम को बकरियों के झुंड में एक हिरण का छोटा बच्चा भी आ गया।

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Offbeat News:Deer and Goat.

Offbeat News: क्या है पूरा मामला

हिरण के बच्चे के शरीर से खून बह रहा था। जिसे देख कर खुशीराम ने उसे अपने साथ रख लिया और उसका इलाज कराया। जब वो सही हो गया तो वह बकरियों के झुंड के बीच रह रहा है।

बकरियों का दूध पीकर बढ़ रहा है, जिसकी जानकारी मिलने के बाद वन विभाग के अधिकारियों ने हिरण के बच्चे की परवरिश करने जिम्‍मेदारी पार्क के माली को दे दी। अब हिरण का बच्चा बकरियों को मां समझता है और उन्हीं का दूध पीकर जिंदा है।जिले का सिटी फाॅरेस्ट पार्क से कुछ दूरी पर आसपास यमुना और बेतवा नदियों की तलहटी स्थित है। जंगली इलाका होने के कारण हरियाली भी है।

जिसकी वजह से यहां हिरणों के झुंड ने विचरण करना शुरू कर दिया है। शायद ही किसी झुंड से बिछुड़कर यह हिरण का बच्चा यहां आ पहुंचा और इस झुंड में शामिल हो गया।

जब बकरियां अपने घर पहुंची तो हिरण का बच्‍चा भी उनके साथ पार्क में पहुंच गया। माली खुशीराम ने उसे देखा तो उसके शरीर से खून बह रहा था, जिसका उसने इलाज करवाया और वो पूरी तरह ठीक हो गया। वहीं अब हिरण का बच्चा बकरियों के बीच रहता है उन्हीं का दूध पीता है और सिर्फ खुशीराम के बुलाने भर से कुछ ही सेकेंड में ही उसके पास पहुंच जाता है।

Offbeat News: माली खुशीराम की एक आवाज से पहुंचता है हिरण

वैसे तो जंगली जानवर आदमियों को देख कर दूर भागते हैं या आदमियों से भिड़ जाते हैं लेकिन, पार्क के माली खुशीराम और हिरण के बच्चे की दोस्ती अब जिले में चर्चा का विषय बन गई है।

हिरण का यह बच्चा अब कई किलोमीटर दूर तक फैले पार्क में रहता है। खुशीराम की एक आवाज में कहीं से भी उसके पास पहुंच जाता है। उसके साथ खेलता है उससे अपने शरीर में हाथ फिरवाता है, खुशीराम और हिरण की इस मोहब्बत को देखने के लिए लोग यहां आने लगे हैं।

Offbeat News: हिरणों की बढ़ रही तादाद से वन विभाग के अधिकारी खुश

दुर्लभ प्रजाति के हिरण का बच्चा मिलने के बाद वन विभाग के अधिकारी खुश हैं। क्योंकि दिनोंदिन जिले में हिरणों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। यह डेढ़ माह का हिरण का बच्चा चीतल प्रजाति की मादा है। वहीं, जिले के डिप्टी रेंजर सुजीत सिंह की मानें तो यह हिरण का बच्चा अभी बहुत छोटा है।

जिससे कहा जा सकता है कि आसपास में हिरणों का झुंड मौजूद है। जिससे बिछुड़कर वो यहां पहुंचा है और बकरियों के साथ वो सिटी फॉरेस्ट पार्क में रहता है। बच्चे के देखरेख की जिम्‍मेदारी माली खुशीराम को दी गई है क्योंकि हिरण का बच्चा अभी छोटा है,उसे कहीं छोड़ा नहीं जा सकता है।ऐसी परिस्थिति में हिरण के बच्चे की जान को खतरा हो सकता है।

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