क्या होता है स्लो पॉइजन? कितना खतरनाक और कितने दिन में हो जाती है मौत?

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माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत पर सोशल मीडिया पर कई तरह के सवाल उठाए जा रहे रहे हैं। इस बात का दावा अंसारी के परिजनों ने भी क्या है कि उसे जेल में स्लो पॉइजन दिया जा रहा था। बताया जा रहा है कि इससे पहले भी अंसारी की तबीयत बिगड़ी थी और उसे पेट दर्द की भी शिकायत थी। हालांकि, डॉक्टरों द्वारा इस बात की पुष्टि की जा चुकी है कि मुख्तार की मौत कार्डियक अरेस्ट से हुई। इस आर्टिकल में जानते हैं कि स्लो पॉइजन होता क्या है?

क्या होता है स्लो पॉइजन

स्लो पॉइजन एक ऐसा पॉइजन है, जो धीरे-धीरे इंसान के शरीर पर असर करता है और जान लेता है। ऐसे कई जहर हैं जो स्लो पॉइजन का काम करते है और इनमे से एक है थैलियम। थैलियम अगर किसी इंसान को दे दिया जाता है तो उसकी मौत तुरंत नहीं होती है बल्कि पहले उसकी तबीयत खराब होती है और फिर धीरे-धीरे जैसे ही स्लो पॉइजन शरीर में फैलता है उस इंसान की मौत हो जाती है। इसके शुरुआती लक्षण है 48 घंटे में दिखाई देने लगते है। स्लो पॉइजन से वोमिटिंग, डायरिया, सर घूमने जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। इस पॉइजन की वजह से इंसान की मेमोरी भी चली जाती है और हो सकता है कि व्यक्ति कोमा में भी चल जाए।

लक्षण

मतली आना
वोमिटिंग
शरीर में दर्द
सांस लेने में दिक्कत होना
दौरा पड़ना
त्वचा का रंग बदल जाना

ये जहर इतना खतरनाक होता है कि इसके लक्षण कई घंटों तक और कई महीनों तक भी नजर नहीं आते हैं। और जब तक पीड़ित को उपचार की जरूरत महसूस होती है तब तक काफी देर हो जाती है। किसी की मौत स्लो पॉइजन के कारण होती है तो इसकी पुष्टि पोस्टमार्टम द्वारा होती है और अगर पोस्टमार्टम के बाद भी यह साफ नहीं हो पाता है तो फिर उसकी विसरा जांच कराई जाती है।

जानते है क्या है विसरा?

विसरा मृतक की बॉडी में से लिए गए एक खास सैंपल को कहते हैं इसमे शरीर के अंग जैसे फेफड़े, दिल और पाचन तंत्र, उत्सर्जन आदि से छोटे भाग को जमा करते हैं और फिर इसके बाद विसरा की जांच होती है।

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