Wrestlers Protest:भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों ने यौनशोषण का आरोप लगाया है। इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग को लेकर भारतीय पहलवान जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं। इस धरने में साक्षी मलिक, विनेश फोगाट व बजंरग पुनिया सहित कई पहलवान हैं। वहीं, इनका यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया है, जिसमें यह कहा गया था कि दिल्ली पुलिस को शिकायत करने के बाद अभी तक उसने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया है।
आज सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली पुलिस की ओर से कहा गया है कि इस मामले में वो WFI के अध्यक्ष के खिलाफ एफआईआर दर्ज करेगी। कोर्ट के सामने दिल्ली पुलिस की तरफ से SG तुषार मेहता ने कहा कि इस मामले में FIR दर्ज हो जाएगी। ऐसे में अब इस मामले में कुछ नहीं बचता।

Wrestlers Protest: हम खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित-कपिल सिब्बल
सुप्रीम कोर्ट में CJI की अध्यक्षता वाली बेंच में कपिल सिब्बल ने कहा,”हम खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। वहीं, WFI प्रमुख के ऊपर 40 मुकदमे दर्ज हैं। इस वजह से चिंता है। इसलिए मामले की जांच SIT से होनी चाहिए। जिसकी जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में की जाए।” वहीं,CJI ने कहा कि वो दिल्ली पुलिस के वकील के बयान को रिकॉर्ड पर रख रहे हैं कि मामले में आज FIR दर्ज होगी।
SG मेहता ने कहा कि जिस तरह का घटनाक्रम है ऐसा लग रहा है कि कुछ और भी लोग पीछे हैं। हालांकि, यह बेहद गंभीर मामला है। इसलिए अभी कुछ नही कहेंगे। उन्होंने कहा कि याचिका में की गई मांग को देखें जिसमें FIR दर्ज कराने की मांग की गई है।
सिब्बल ने कहा कि औपचारिक शिकायत जनवरी 2023 में दर्ज की गई थी। उसके बाद से कुछ नहीं हुआ। इतना ही नहीं हमने आईओए में भी शिकायत दर्ज कराई थी। वहां भी कुछ नहीं किया गया। वहीं, कानून के तहत FIR दर्ज करानी थी लेकिन नहीं किया गया।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नाबालिग लड़की को सुरक्षा प्रदान करने के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख करते हुए एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को खतरे की आशंका का पर्याप्त आकलन करने और नाबालिग लड़की को सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया। मालूम हो कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौनशोषण की शिकायत करने वालो में कई महिला पहलवानों के साथ एक नाबालिग लड़की भी है।
कोर्ट ने साथ ही अन्य पहलवानों की सुरक्षा को लेकर खतरे की जांच के आधार पर उन्हें भी सुरक्षा प्रदान करने को कहा। कोर्ट ने कहा कि मामले की सुनवाई फिलहाल बंद नहीं होगी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट 5 मई को मामले की अगली सुनवाई होगी। मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की तरफ से कहा गया कि याचिकाकर्ताओं की तरफ से थ्रेट परसेप्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सामने सीलबंद लिफाफे में दस्तावेज पेश किया गया है वह पुलिस कमिश्नर को जरूर दिया जाए।
CJI ने उस दस्तावेज को दिल्ली पुलिस कमिश्नर को देने की इजाजत दी।
पीटी उषा ने बताया था अनुशासनहीनता
भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा ने उन पहलवानों की जमकर आलोचना की जिन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ के बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए अपना विरोध फिर से शुरू कर दिया है। पिछले दिनों पीटी उषा ने कहा,“पहलवानों का सड़कों पर विरोध करना अनुशासनहीनता के बराबर है।” आईओए की कार्यकारी समिति की बैठक के बाद पीटी उषा ने कहा कि सड़कों पर पहलवानों का विरोध भारत की छवि खराब कर रहा है।
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