Supreme Court: केंद्र और दिल्‍ली के बीच अधिकार होंगे तय, SC ने किया संविधान पीठ का गठन

Supreme Court: गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर गौर करते हुए दिल्‍ली में सेवाओं के नियंत्रण का मुददा एक 5 सदस्‍यीय संविधान पीठ के पास भेजा था।

0
251
Supreme Court on Collegium
Supreme Court

Supreme Court: राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दिल्‍ली में सेवाओं के नियंत्रण को लेकर केंद्र और दिल्‍ली सरकार के अधिकार अब संविधान पीठ तय करेगी।केंद्र और दिल्‍ली सरकार के बीच चल रहे विवाद के निपटारे के लिए शीर्ष अदालत ने इस पीठ के जल्‍द गठन का आदेश दिया है।मुख्‍य न्‍यायाधीश एनवी.रमना ने सोमवार को कहा कि इस मामले की सुनवाई के लिए उन्‍होंने 5 सदस्‍यीय संविधान पीठ का गठन किया है।

इस मामले पर आगे बोलते हुए सीजेआई ने कहा कि न्‍यायमूर्ति डीवाई.चंद्रचूड़ की अध्‍यक्षता वाली पीठ केंद्र त‍था दिल्‍ली सरकार के बीच विवाद पर सुनवाई करेगी।मालूम हो कि एक वकील ने न्‍यायमूर्ति रमना, न्‍यायमूर्ति हिमा कोहली और न्‍यायमूर्ति सीटी. रविकुमार की पीठ के समक्ष इस मामले का उल्‍लेख किया था।

Supreme Court: 6 मई को मामला पीठ के पास भेजा

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर गौर करते हुए दिल्‍ली में सेवाओं के नियंत्रण का मुददा एक 5 सदस्‍यीय संविधान पीठ के पास भेजा था। उस दौरान मुख्‍य न्‍यायाधीश ने कहा था कि संविधान के प्रावधानों और संविधान के अनुच्‍छेद 239एए (दिल्‍ली की शक्तियों से संबंधित) के अधीन और संविधान पीठ के वर्ष 2018 के फैसले पर विचार करते हुए ऐसा प्रतीत होता है कि इस पीठ के समक्ष एक लंबित मुददे को छोड़कर सभी मुददों का पूर्ण रूप से निपटारा कर दिया गया है।

इस दौरान पीठ ने संविधान के अनुच्‍छेद 239एए की व्‍याख्‍या करते हुए इस विवाद पर विशेष रूप से कोई टिप्‍पणी नहीं की, इसीलिए संविधान पीठ द्वारा इस मामले पर एक आधिकारिक फैसले के लिए मामले को उसके पास भेजना उचित होगा।

Supreme Court: मामले को दिल्‍ली सरकार ने दी थी चुनौती

केंद्र सरकार और दिल्‍ली में सेवाओं के नियंत्रण को दिल्‍ली सरकार ने कोर्ट में चुनौती दी थी। इस दौरान जीएनसीटीडी अधिनियम 2021 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली दिल्‍ली सरकार की दो अलग याचिकाओं पर संयुक्‍त रूप से सुनवाई करने का अनुरोध किया था।

संबंधित खबरें