Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर गुवाहाटी हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है।जिसमें गुवाहाटी हाईकोर्ट ने राज्य द्वारा वित्त पोषित मदरसों पर प्रतिबंध लगाने वाले राज्य सरकार के आदेश को बरकरार रखा था।
मोहम्मद उमाद्दीन की सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका के मुताबिक असम सरकार ने कानून बनाकर सरकार द्वारा वित्त पोषित करीब 700 मदरसों को सामान्य स्कूल में तब्दील किया गया था।राज्य सरकार के इस कानून के खिलाफ गुवाहाटी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।जिस पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने असम सरकार के मदरसा पर प्रतिबंध लगाए जाने के बरकरार रखा था।
Supreme Court: मजहबी शिक्षा को संविधान के अनुकूल नहीं बताया
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि पूरी तरह राज्य द्वारा संचालित मदरसों में मजहबी शिक्षा संविधान के अनुच्छेद 28(1) के अनुकूल नहीं है।कोर्ट ने स्पष्ट किया प्रांतीय मदरसों के शिक्षकों की नौकरी नहीं जाएगी। अगर जरूरी हुआ तो उन्हें दूसरे विषय पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले से संबंधित सभी आदेशों को सही ठहराया। वर्तमान मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा 2020 में तत्कालीन शिक्षा मंत्री के रूप में असम रिपील एक्ट लाए थे। इसके जरिये असम मदरसा शिक्षा अधिनियम, 1995 को रद्द कर दिया गया था।
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