Uber, Ola, Swiggy, Zomato जैसे ऐप में काम करने वाले कर्मचारियों को कामगार मानते हुए सामाजिक सुरक्षा लाभ दिए जाने की मांग की गई है। Supreme Court इस मामले का परीक्षण करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर इसको लेकर जवाब भी मांगा है। अदालत में Indian Federation of App-Based Transport Workers (IFAT) द्वारा दायर याचिका में ऊबर, ओला, स्विगी, जोमैटो जैसे कर्मचारियों को विभिन्न कानूनों के तहत सामाजिक सुरक्षा और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देने को लेकर निर्देश दिए जाने की मांग की गई है।
इसके अलावा याचिका में विभिन्न मोबाइल ऐप-आधारित ड्राइवरों और डिलीवरी करने वाले गिग वर्कर्स और ऐप-आधारित वर्कर्स को असंगठित श्रमिकों के रूप में वर्गीकृत करने और कामगार मुआवजा अधिनियम, औद्योगिक विवाद अधिनियम, कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम और मातृत्व लाभ अधिनियम के तहत लाए जाने की मांग की गई है।
चार सप्ताह बाद सूची जारी होगी
Supreme Court में IFAT की ओर से पेश हुईं वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंग (Indira Jaising) की दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और बी आर गवई की पीठ ने कहा, ”हम चार सप्ताह बाद नोटिस, सूची जारी करेंगे।” जयसिंह ने कहा कि ड्राइवरों या डिलीवरी वर्कर्स द्वारा घोषणा की जाती है कि वे असंगठित कामगार अधिनियम की योजनाओं और कामगार निकाय के लिए बनी सभी समाज कल्याण योजनाओं के तहत कामगार हैं।
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