नफरत फैलाने वाले Tweets के लिए Kangana Ranaut के खिलाफ शिकायत फिर से खोलने के लिए एक वकील ने मुंबई कोर्ट का रुख किया है। खारिज की गई आपराधिक शिकायत में आरोप लगाया गया कि कंगना रनौत और उनकी बहन मुस्लिम समुदाय के खिलाफ अपने आपत्तिजनक बयानों और अवैध वीडियो के जरिए सांप्रदायिक नफरत फैला रही हैं।
अधिवक्ता अली काशिफ खान देशमुख द्वारा दायर शिकायत में रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल को भारतीय दंड संहिता की 121, 121ए (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने का प्रयास), 124 (देशद्रोह), 153ए, 153बी, 195ए, 298 और 505 (विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच शत्रुता और घृणा फैलाने से संबंधित) की धाराओं के तहत कथित तौर पर अपराध करने के लिए समन जारी करने की मांग की गई है।
अंधेरी में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने अंधेरी पुलिस स्टेशन को दोनों बहनों के खिलाफ जांच करने का आदेश दिया है। हालांकि जुलाई 2021 में शिकायत को केंद्र सरकार या जिलाधिकारी से मंजूरी न मिलने के आधार पर खारिज कर दिया गया था।
असल आजादी 2014 में मिली थी
कंगना रनौत (Kangana Ranaut) अपने भीख में मिली आजादी वाले बयान को लेकर विवादों में घिर गई हैं और मामला तूल पकड़ते जा रहा है। दरअसल कंगना ने Times Now Summit में बात करते हुए कहा था कि वो आजादी, आजादी नहीं थी वह भीख में मिली थी। असल आजादी तो 2014 में मिली है।