Modi Surname Case: गुजरात हाई कोर्ट ने शुक्रवार, (7 जुलाई) को ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी से जुड़े मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दायर समीक्षा याचिका पर अपना फैसला सुनाया। जिसमें राहुल गांधी को अदालत से बड़ा झटका लगा। गुजरात हाईकोर्ट ने मानहानि के केस में निचली अदालत की सजा पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया। जस्टिस एम एम प्राच्छक ने सुबह 11 बजे इस मामले पर फैसला सुनाया और कहा कि कोर्ट उनकी सजा पर रोक की मांग की याचिका को खारिज करती है।
कोर्ट ने ये भी कहा कि राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि के कई मामले पेंडिंग हैं। ऐसे में उन्हें राहत नहीं दे सकते हैं। अदालत के इस फैसले के बाद राहुल गांधी की संसद की सदस्यता बहाल होने की संभावना खत्म हो गई है।
कांग्रेस सूत्रों की मानें तो अब राहुल गांधी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। अगर सुप्रीम कोर्ट भी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर देता है तो राहुल गांधी 2024 का लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। बता दें, सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को मानहानि के केस में दो साल की सजा सुनाई थी। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट रूम में दोनों पक्षों के वकील मौजूद रहे। यहां जानें कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए क्या कुछ कहा?
गौरतलब है कि सूरत की सेशन कोर्ट ने 23 मार्च 2023 को राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी जिसके अगले दिन उनकी सांसदी चली गई थी।
Modi Surname Case में फैसला सुनाते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने कुछ अहम टिप्पणियां की
जस्टिस हेमंत पृच्छक ने कहा, "राहुल गांधी बिल्कुल अस्तित्वहीन आधार पर राहत पाने की कोशिश कर रहे हैं।"
"निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा पर रोक लगाना कोई नियम नहीं है, बल्कि एक अपवाद है, जिसका सहारा दुर्लभ मामलों में लिया जाना चाहिए।"
"आवेदक के खिलाफ लगभग 10 आपराधिक मामले लंबित हैं।"
"यहां तक कि इस शिकायत के बाद राहुल गांधी के खिलाफ एक और शिकायत वीर सावरकर के पोते ने दर्ज कराई।"
"सजा पर रोक न लगाना राहुल गांधी के साथ अन्याय नहीं है।"
"दोषसिद्धि पर रोक लगाने का कोई उचित आधार नहीं दिया गया।"
"सेशन कोर्ट का आदेश न्यायसंगत एवं उचित है।"
दोनों पक्षों ने रखीं थी दलीलें
राहुल गांधी की अपील पर हाई कोर्ट में काफी लंबी बहस हुई थी। दो दिन की सुनवाई में राहुल गांधी की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए थे। उन्होंने राहुल गांधी की सजा पर रोक की मांग के पक्ष में कई दलीलें अदालत के सामने रखीं थीं। वहीं, इस मामले में शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी के वकीलों ने कहा था कोर्ट से सजा मिलने के बाद भी राहुल गांधी के स्वभाव में बदलाव नहीं देका गया है। वे कोर्ट में राहत मांग रहे हैं और बाहर पब्लिक के बीच में कहते हैं कि मैं कोई भी सजा भुगतने को तैयार हूं।
दोनों पक्षों की ओर से तमाम दलीलों को सुनने के बाद जस्टिस हेमंत एम प्राच्छक ने इस मामले को आर्डर के लिए सुरक्षित रख लिया था। 2 मई को सुनवाई पूरी होने के सवा दो महीने बाद जस्टिस प्राच्छह ने आज फैसला सुनाया है।
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