Delhi HC: कुत्तों की अवैध ब्रीडिंग (Illegal dog breeding) को रोकने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। इसी को लेकर शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई की। इस दौरान हाईकोर्ट ने दिल्ली एडवाइजरी बोर्ड ऑफ एनिमल वेलफेयर (DABAW) को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय दिया है। याचिका में यह भी कहा गया है कि दिल्ली सरकार को अवैध ब्रीडिंग की जानकारी भी है।

Delhi HC: कुत्तों की अवैध ब्रीडिंग को रोकने की मांग
कुत्तों की अवैध ब्रीडिंग को रोकने और जानवरों के साथ क्रूरता की रोकथाम नियम को सख्ती से लागू कराने की कोर्ट से याचिका के माध्यम से मांग की गई थी। वहीं,
दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को इसपर सुनवाई करते हुए दिल्ली एडवाइजरी बोर्ड ऑफ एनिमल वेलफेयर (DABAW) को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय दिया है। मालूम हो कि एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट गौरी मौलेखी ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
उन्होंने पशुओं के प्रति क्रूरता की रोकथाम (कुत्ता प्रजनन और विपणन) नियम 2017 का कड़ाई से पालन कराने का दिल्ली सरकार को निर्देश देने की मांग की थी। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार की निष्क्रियता, जानवरों के प्रति क्रूरता की रोकथाम (कुत्ता प्रजनन और विपणन) नियम 2017 का प्राथमिक तौर पर उल्लंघन हैं। कुत्ते के ब्रीडर को राज्य पशु कल्याण बोर्ड से विशेष रूप से पंजीकरण कराने की आवश्यकता है, लेकिन दिल्ली में कोई भी कुत्ता ब्रीडर पंजीकृत नहीं है ना ही नियमों का पालन ही कर रहा है,साथ ही उनकी व्यावसायिक गतिविधियां भी जारी है। इसके अलावा याचिका में कहा कि अवैध कुत्ता ब्रीडिंग को रोकने में नाकामी की वजह से राज्य सरकार को राजस्व का नुकसान भी हुआ है, जबकि राज्य सरकार को अवैध ब्रीडिंग से जुड़े मामलो की जानकारी भी है।
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