टेस्ट में भारत के लिए तिहरा शतक लगाने वाले करुण नायर की 8 साल बाद वापसी; घरेलू क्रिकेट की मेहनत ने फिर खोला टेस्ट का दरवाजा

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Karun Nair Comeback: भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में तिहरा शतक लगाने वाले चुनिंदा बल्लेबाजों में शुमार करुण नायर (Karun Nair) एक बार फिर टीम इंडिया की जर्सी में लौटने को तैयार हैं। इंग्लैंड के खिलाफ 20 जून से शुरू हो रही बहुप्रतीक्षित पांच मैचों की टेस्ट सीरीज न सिर्फ प्रतिस्पर्धात्मक क्रिकेट का रोमांच लौटाएगी, बल्कि एक ऐतिहासिक कमबैक की गवाह भी बनेगी।

टेस्ट में करुण नायर का अब तक का सफर

करुण नायर ने टेस्ट क्रिकेट में अब तक केवल 6 मैच खेले हैं, जिनकी 7 पारियों में उन्होंने 374 रन बनाए हैं। उनका औसत 62.33 और स्ट्राइक रेट 73.91 रहा है। इस छोटे से करियर में उनकी सबसे यादगार पारी 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ आई, जब उन्होंने अपने तीसरे ही टेस्ट मैच में नाबाद 303 रन की ऐतिहासिक पारी खेली। इस तिहरे शतक ने उन्हें रातोंरात सुर्खियों में ला दिया और उनकी तुलना भारत के दिग्गज बल्लेबाज़ वीरेंद्र सहवाग से होने लगी।

हालांकि, इस शानदार प्रदर्शन के बावजूद उनका अंतरराष्ट्रीय करियर लंबा नहीं चला। कुछ मुकाबलों के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया और इसके बाद उनके लिए लगभग आठ वर्षों का एक लंबा इंतज़ार शुरू हो गया। लेकिन नायर ने हार नहीं मानी और घरेलू क्रिकेट में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन करते रहे। विजय हजारे ट्रॉफी, रणजी ट्रॉफी और आईपीएल जैसे मंचों पर उनके खेल ने एक बार फिर चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा, और अब उन्हें इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम में शामिल किया गया है। यह वापसी न केवल उनके क्रिकेटिंग कौशल की गवाही है, बल्कि उनके धैर्य और जज्बे की भी मिसाल है।

“…मुझे एक और मौका दो” — करुण नायर का 2022 का ट्वीट हुआ था वायरल

करुण नायर ने 2022 के अंत को अपने करियर का सबसे चुनौतीपूर्ण और अंधकारमय दौर बताया था। इसी दौरान उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक भावुक संदेश साझा किया था, जिसमें उन्होंने लिखा था – “डियर क्रिकेट, मुझे एक और मौका दो”। उनका यह ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ और फैंस के साथ-साथ क्रिकेट जगत में भी इसने भावनात्मक प्रतिक्रिया पैदा की थी। उस एक पंक्ति में करुण के भीतर छिपी जिज्ञासा, समर्पण और वापसी की तीव्र इच्छा साफ झलकती थी।

इन बीते 8 सालों में करुण ने घरेलू क्रिकेट के हर फॉर्मेट में खुद को निखारा और साबित किया। विजय हजारे ट्रॉफी में विदर्भ की कप्तानी करते हुए टूर्नामेंट का सबसे अधिक निजि स्कोर (779 रन) बनाया और टीम को फाइनल तक पहुंचाया, वहीं रणजी ट्रॉफी के सीजन में उन्होंने 863 रनों के साथ निर्णायक मुकाबलों में शतक लगाकर टीम को खिताबी जीत दिलाने में अहम योगदान दिया। करुण का फॉर्म ऐसा रहा कि महज़ एक साल में उन्होंने 9 शतक जड़े, जिनमें से 5 शतक लगातार थे — जो अपने आप में एक जबरदस्त उपलब्धि है।

इतना ही नहीं, करुण नायर ने इस दमदार प्रदर्शन को आईपीएल में भी आगे बढ़ाया, जहां दिल्ली कैपिटल्स (DC) की ओर से खलेते हुए टूर्नामेंट में उन्होंने 8 मुकाबलों में 172 के स्ट्राइक रेट से 198 रन बनाए। जिस निरंतरता और धैर्य के साथ उन्होंने घरेलू और फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेला, वो भारतीय क्रिकेट में “कम्बैक स्टोरी” की सबसे प्रेरणादायक दास्तानों में गिनी जाएगी।

अब जब भारतीय टीम इंग्लैंड के दौरे पर है, और करुण को टेस्ट टीम में वापसी का मौका मिला है, तो यह सिर्फ एक खिलाड़ी की वापसी नहीं बल्कि प्रेरणा, जिद और प्रतिभा के संयोजन का प्रतीक बन चुका है। आठ साल के लंबे इंतज़ार के बाद, करुण नायर एक बार फिर टेस्ट क्रिकेट में खुद को साबित करने को तैयार हैं और सामने है वही टीम इंग्लैंड जिनके गेंदबाजों की नाक में वे पहले भी दम कर चुके हैं। इस बार सिर्फ एक पारी नहीं, बल्कि लंबी पारी खेलने की तैयारी है।

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