Supreme Court से CBSE,CISCE छात्रों को झटका, Term 1 Board Exam अब ऑफलाइन ही होंगे

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warden suspended in connection of dropping school dress of girls student in muzaffarnagar
परीक्षा देते छात्र।

Supreme Court ने गुरुवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (CISCE) द्वारा आयोजित टर्म 1 बोर्ड परीक्षाओं में बदलाव करने से इंकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने ऑनलाइन और ऑफलाइन परीक्षा के हाइब्रिड मोड के लिए अनुरोध करने वाली याचिका को खारिज कर दिया।

‘आखिरी मिनट में कोई बदलाव नहीं कर सकते’

सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि निर्देश दिया कि अगर परीक्षाओं के दौरान कोविड उपायों में कोई कमी है तो उन्हें तुरंत अधिकारियों द्वारा दूर किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी की और याचिकाकर्ताओं को आखिरी मिनट में रुकावट के खिलाफ चेतावनी दी।

उन्होंने कहा, “शिक्षा प्रणाली के साथ खिलवाड़ मत करो। अधिकारी अपना काम अच्छे से करें। अब बहुत देर हो चुकी है। CBSE टर्म 1 की परीक्षाएं शुरू हो चुकी हैं और CISCE की परीक्षाएं अगले सप्ताह शुरू होंगी। इस स्तर पर परीक्षा में खलल डालना अनुचित होगा। सरकार ने छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए COVID एहतियाती कदम उठाए हैं। परीक्षा केंद्र 6,500 से बढ़कर 15,000 हो गए हैं। परीक्षा की अवधि 3 घंटे से घटाकर 1.5 घंटे कर दी गई…उम्मीद और विश्वास है कि अधिकारी यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे कि छात्र और कर्मचारी किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति में न आएं।”

याचिका में क्या कहा गया था?

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया था कि ऑफ़लाइन परीक्षा ने उन्हें COVID-19 संक्रमण के जोखिम में डाल दिया है। याचिका में कहा गया है, “ऑफ़लाइन परीक्षाओं के माध्यम से लगातार संपर्क में आने से COVID-19 संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। परीक्षा का हाइब्रिड मोड समय की जरूरत है, क्योंकि यह Social Distancing को बेहतर बनाता है।” हालांकि कोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार नहीं किया और याचिका खारिज कर दी।

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