देश भर में विधवाओं के दुर्दशा के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों के उदासीन रवैये पर निराशा जताई है। कोर्ट ने सभी राज्यों को 28 फरवरी तक विस्तृत योजना देने को कहा है। कोर्ट ने राज्यों को ये भी कहा कि वो एक्सपर्ट कमेटी को अपने सुझाव भेजें और एग्रीड एक्शन प्लान पर अपना हलफनामा दाखिल करें।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को फटकार लगाई और राज्य महिला आयोग के खाली पदों को भरने के लिए कहा। उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग में अभी 21 खाली पद हैं। राज्यों के उदासीन रवैये पर निराशा जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप लोग कोर्ट का समय बर्बाद कर रहे हैं।

इससे पहले पिछली सुनवाई में भी सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि अब बहुत हो गया, अब आपको इनके लिए कुछ करना ही होगा। हर कोई अपनी जिम्मेदारी से बच है। सुप्रीम कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा था कि आप कुछ काम नहीं करते और कोर्ट अगर कुछ आदेश देता है तो आप कहते हैं कि कोर्ट देश चला रहा है। कोर्ट ने कहा था कि विधवा महिलाओं के पुनर्वास के मामले में कोई भी गंभीर नहीं है, ऐसे में राज्य सरकार ये लिख कर दे दे कि वो काम नही करना चाहती। सर्वोच्‍च अदालत ने केंद्र सरकार से सभी राज्य सरकारों से विधवा महिलाओं के पुनर्वास के मामले में जानकारी इकठ्ठा करने को कहा हथा और एक्शन प्लान तैयार करने को कहा था।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से ये भी कहा था कि सामाजिक बंधनों की परवाह ना करते हुए वो ऐसी विधवाओं के पुनर्वास से पहले पुनर्विवाह के बारे में योजना बनाए जिनकी उम्र कम है। कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि पुनर्विवाह भी विधवा कल्याणकारी योजना का हिस्सा होना चाहिए। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के रोडमैप पर सवाल उठाते हुए कहा था कि इसमें सफाई, पौष्टिक भोजन, सफाई समेत कई मुद्दों पर खामियां हैं। कोर्ट ने यहां तक कहा था कि विधवा महिलाओं से बेहतर खाना जेल के कैदियों को मिलता है।

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