Allahabad High Court ने सड़क दुघर्टना के कारण स्थायी तौर पर अपंग नाबालिग को अधिकरण द्वारा दिये गये मुआवजे की रकम बढ़ा दी है। कोर्ट ने घायल की संभावित आमदनी, दुघर्टना के कारण उसे हुए दर्द और परेशानी और विवाह की संभावना समाप्त होने के मद में अधिकरण द्वारा निर्धारित मुआवजे में कई गुना का इजाफा करते हुए ब्याज की दर भी छह से बढ़ाकर साढ़े सात फीसदी कर दी है।
कोर्ट का यह आदेश जस्टिस डाक्टर केजे ठाकर और जस्टिस अजय त्यागी की पीठ ने बोनी दूबे की अपील को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए दिया है।
Allahabad High Court ने यह फैसला बोनी दुबे के मामले में दिया है
जानकरी के मुताबिक 15 साल का नाबालिग बोनी दुबे जनवरी 2010 में एक सड़क दुघर्टना में घायल हो गया। उसकी बाइक को श्याम बीड़ी वर्क्स के वाहन ने टक्कर मार दी। इस दुघर्टना के कारण उसके शरीर का निचला हिस्सा हमेशा के लिए बेकार हो गया। उसकी रीढ़ की हड्डी में भी कई जगह चोटें आईं।
इस मामले में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण ने उसका क्लेम स्वीकार करते हुए 15,72, 848 लाख रुपये का मुआवजा अवार्ड किया। ट्रिब्यूनल ने उसकी वार्षिक कमाई मात्र 36 हजार रुपये आंकी और इस नुकसान के एवज में 5,40 लाख रुपये मुआवजा स्वीकृत किया।
बोनी को मेडिकल बिल आदि सब मिलाकर 15,72, 848 लाख रुपये छह फीसदी सालाना ब्याज की दर से भुगतान का निर्देश दिया गया। इसी फैसले को Allahabad High Court में चुनौती दी गई है।
Allahabad High Court ने यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हवाले से दिया है
Allahabad High Court ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित फैसलों का हवाला देते हुए वार्षिक आमदनी 60 हजार रुपये मान तथा अन्य मदों में भी तय मुआवजे की रकम में वृद्धि कर पीडि़त को कुल 24,80,000 लाख रुपये मुआवजे के भुगतान का निर्देश दिया है।
इसके अलावा Allahabad High Court ने ब्याज दर भी छह फीसदी सालाना से बढ़ाकर साढ़े सात फीसदी सालाना क्लेम दाखिल करने की तारीख से देने का निर्देश दिया है। कोर्ट के इस फैसले पर बोनी दुबे ने और उनके परिवार ने खुशी जताई है। बोनी के परिवार वालों का कहना है कि बढ़ी हुई क्लेम की राशि मिलने से बोनी के देखभाल करने में मदद मिलेगी।
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