World Mental Health Day: क्या आपको पता है दुनियाभर में हर साल 7 लाख से अधिक लोग सुसाइड (Suicide) करते हैं। इसमें 15 से 19 साल के युवाओं में मौत होने का सबसे बड़ा कारण आत्महत्या है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि ज्यादातर लोग कीटनाशक पीकर, फांसी लगाकर और खुद को गोली मारकर सुसाइड (Suicide) करते हैं ऐसे मामलों को कंट्रोल किया जा सकता है।
Suicide करने की वजह
WHO के मुताबिक सुसाइड (Suicide) करने की बड़ी वजह है अल्कोहल (Alcohol) का सेवन और डिप्रेशन (Depression) में चले जाना या फिर आर्थिक तंगी, रिलेशनिशप (Relationship) का टूटना और बीमारियां इसकी बड़ी वजह बन सकती हैं। जिस कारण ज्यादातर लोग कीटनाशक पीकर, फांसी लगाकर और खुद को गोली मारकर सुसाइड (Suicide) करते हैं।
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कैसे रोक सकते हैं आत्महत्या के मामले
मुम्बई के ग्लोबल हॉस्पिटल में सीनियर कंसल्टेंट सायकियाट्रिस्ट डॉ. संतोष बांगड़ ने बताया कि आत्महत्या के मामलों को कुछ हद तक रोका जा सकता है। आत्महत्या (Suicide) करने से पहले कुछ लोगों में खास तरह के लक्षणों को समझकर उसे रोका जा सकता हैं। जैसे- वो घंटों किसी समस्या के बारे में सोचते रहते हैं, आत्महत्या करने की बात करते हैं या आत्महत्या करने के तरीके खोजते हैं। ये खुद को दूसरों पर बोझ समझने लगते हैं या दर्द/बीमारी से पीछा छुड़ाने के लिए आत्महत्या करने की बात करते हैं।
इसके अलावा जल्द से जल्द वसीयत तैयार कराना, गुडबॉय मैसेज लिखना, हमेशा डिप्रेशन में रहने लगना, फोन न उठाना, खुद को सबसे अलग करना ये सब डिप्रेशन (Depression) के लक्षण हैं। अगर आपके इर्द-गिर्द किसी में ऐसे लक्षण दिखते हैं तो उसे अनदेखा न करें। उनसे बात करें उनकी बात को समझने की कोशिश करें। उनकी समस्या को सुनने के बाद कोई समाधान ढूंढें। इससे उन लोगों का ध्यान बंटता है और आत्महत्या का खतरा घटता है। WHO का कहना है कि शुरुआती लक्षणों से इसे जल्द से पता लगाने के साथ लोगों के बिहेवियर को समझकर भी ऐसे मामले रोके जा सकते हैं।
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