2019 के लोकसभा चुनाव में अब कुछ ही महीनों का समय बचा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने साढ़े चार से ज्यादा समय के कार्यकाल के दौरान 48 विदेश यात्राएं की हैं जिसका खर्च 2,021 करोड़ रुपये आया है। पीएम मोदी के मुकाबले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने 38 विदेश यात्रा की थीं। पीएम मोदी के चार्टर्ड विमान को किराए पर लेने का खर्चा 429.28 करोड़ रुपये रहा। यह राशि मनमोहन सिंह से केवल 64 करोड़ रुपये कम है। यह आंकड़े राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में विदेश मंत्रालय ने दिए। यदि विदेश यात्रा और विमान के खर्च को जोड़ दिया जाए तो कुल राशी 2,450 करोड़ रुपये हो जाती है।

मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा है कि चार यात्राओं के लिए चार्टर्ड विमान के 19.32 करोड़ रुपये के खर्च को फिलहाल धन की कमी के कारण इस वित्त वर्ष में पारित नहीं किया जा सका है। इसमें पीएम का अप्रैल महीने में किया गया स्वीडन, ब्रिटेन और जर्मनी, मई में रूस, 28 मई से 2 जून के बीच का इंडोनेशिया, मलेशिया और सिंगापुर एवं जून का चीन दौरा शामिल है। पीएम मोदी के विदेश यात्रा का खर्च पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से ज्यादा हो सकता है क्योंकि मंत्रालय ने कहा है कि उसे मई से लेकर नवंबर तक इस साल की गई यात्राओं का बिल नहीं मिला है। इसमें नेपाल (मई), रवांडा, युगांडा और दक्षिण अफ्रीका (जुलाई) और मालदीव (नवंबर) की यात्रा शामिल हैं। राज्यसभा में कांग्रेस सासंद संजय सिन्ह ने दोनों पीएम की विदेश यात्राओं पर हुए खर्च, उनके साथ कितने लोग गए थे इसका विस्तारपूर्व ब्यौरा मांगा था।

जवाब के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) पर विमान के रखरखाव पर खर्च हुए 375.29 करोड़ रुपये बकाया हैं। पीएम मोदी के कार्यकाल में विमान के रखरखाव का खर्च पूर्व पीएम की तुलना में 731.58 करोड़ रुपये ज्यादा रहा। मनमोहन सिंह के कार्यकाल में विमान के रखरखाव पर 842.6 करोड़ रुपये खर्च हुए थे जबकि पीएम मोदी के शासन में 1,574.18 करोड़ रुपये का खर्च आया है।

हाल ही में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने कहा था कि वह कभी मौन प्रधानमंत्री नहीं रहे। अपनी विदेश यात्राओं के दौरान वह लंबी प्रेसवार्ता किया करते थे। जिसमें भारतीय पत्रकारों का एक दस्ता उनके साथ चला करता था। राज्यसभा में दिए जवाब के अनुसार पीएम मोदी पत्रकारों के एक बहुत छोटे समूह को अपने साथ लेकर जाते हैं। पहले साल में पीएम मोदी केवल न्यूज एजेंसियों जैसे कि पीटीआई, एएनआई और यूएनआई के पत्रकारों को लेकर गए थे। 2016 में केवल इस एजेंसी के फोटो पत्रकारों को साथ जाने की इजाजत थी और 2017 में पीटीआई के फोटो पत्रकारों को हटा दिया गया।

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