Joshimath Crisis: हिमालय की तलहटी में स्थित, उत्तराखंड का एक छोटा शहर है जोशीमठ। जोशीमठ के डूबते शहर बनने से पहले, यह सांस्कृतिक, धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान था लेकिन पिछले कुछ दिनों से जोशीमठ में भू धंसाव की त्रासदी को लेकर जनता से लेकर सरकार तक टेंशन में है। उधर, जोशीमठ में खराब होते मौसम ने सबकी चिंता को और बढ़ा दिया है। जोशीमठ में दरार और घंसाव के शिकार होटल का डिमोलिशन होगा या नहीं इस पर सस्पेंस बना हुआ है। आज पूरा शहर धंस रहा है। लोग बेघर हो रहे हैं। घरों की जमीन धंस रही। वहां के रहने वाले हर शख्स के आंखों में आंसू हैं। जिन घरों में उनका बचपन बीता, जहां बच्चों की शादी की शहनाई गूंजी थी। वहीं घरों की दर-ओ-दीवारों जैसे कह रही हैं कि अब बिछड़ने का वक्त है। उनके इस दर्द को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। लेकिन, सरकार की लापरवाही न होती तो शायद आज लोग यूं बेबस न हुए होते। पूरी स्थिति को देखते हुए, यहां सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि यह सब कहां से शुरू हुआ? ऐसा क्यों हो रहा है?
जोशीमठ कहां है?
जोशीमठ उत्तराखंड राज्य में ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-7) पर स्थित एक पहाड़ी शहर है। बद्रीनाथ, औली, फूलों की घाटी, और हेमकुंड साहिब जाने वाले लोग रात यहीं बिताते हैं। जोशीमठ में भारतीय सशस्त्र बलों के सेना की सबसे महत्वपूर्ण छावनियों में से एक है।
जोशीमठ क्यों डूब रहा है?
स्थानीय निवासियों में दहशत और चिंता अब सुर्खियां बटोर रही है। हालांकि, क्षेत्रों में काम कर रहे वैज्ञानिक और भूवैज्ञानिक दशकों से चिंता जता रहे हैं। इस मामले पर पहली रिपोर्ट 1976 में आई। तत्कालीन मिश्रा आयोग ने पाया कि जोशीमठ शहर एक प्राचीन भूस्खलन पर स्थित है। यहां खतरा है। जोशीमठ के डूबने का सबसे बड़ा कारण कस्बे का भूगोल है। जिस भूस्खलन के मलबे पर शहर स्थापित किया गया था, उसकी असर क्षमता कम है। बताया गया है कि निर्माण में वृद्धि, पनबिजली परियोजनाओं और राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण ने पिछले कुछ दशकों में शहर को अत्यधिक अस्थिर बना दिया है।
जोशीमठ को बचाने के लिए क्या किया जा सकता है?
इस मामले पर काम कर रहे विशेषज्ञों ने पूरे जलविद्युत परियोजनाओं और क्षेत्र में विकास कार्यों को पूरी तरह से बंद करने की सिफारिश की है। जल निकासी व्यवस्था पर ध्यान देने की जरूरत है, अध्ययन और सर्वेक्षणों में पाया गया है कि शहर खराब जल निकासी के कारण कचरा मिट्टी में रिस रहा है, इसे भीतर से ढीला कर रहा है। सरकार ने सिंचाई विभाग को मामले पर काम करने और संबंधित मामले के लिए नई योजना बनाने को कहा है।
जोशीमठ को डुबने से बचाने के लिए सरकार क्या कर रही है?
केंद्र सरकार ने राज्य सरकार और संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वित रूप से काम करने के लिए मामले की जांच के लिए एक पैनल का गठन किया है। सीएम और सरकार ने सबसे कमजोर क्षेत्रों में रहने वाले 600 परिवारों को तत्काल सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का आदेश दिया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी मौके पर डटे हुए हैं।
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