22 नवंबर 2022 को (भारत में 23 नवंबर को सुबह 9 बजे के करीब) अमेरिका (USA) के वर्जीनिया राज्य के चेसापिक (Chesapeake) में वॉलमार्ट सुपरमार्केट (Walmart Supermart) में एक बंदूकधारी ने 10 लोगों की हत्या कर दी. इस हमले के पिछे स्टोर के मैनेजर का हाथ बताया जा रहा है, हालांकि उसकी भी मौत हो गई है. लगातार यह तीसरा साल है जब अमेरिका में गोलीबारी के 600 से ज्यादा मामले सामने आये हुई है. 2022 में अबतक अमेरिका में 601 गोलीबारी (Firings) की घटनाएं हो चुकी है.
3 दिन पहले भी अमेरिका के कोलोराडो स्प्रिंग्स गे क्लब (Colorado Springs gay club) में हुई गोलीबारी (Firing) में 23 लोगों को गोली मारी गई, जिसमें 5 की मौत हो गई है.
अमेरिका में आधिकारिक आंकड़ों (Official Data) के अनुसार 1968 से 2017 के बीच बंदूकों से जुड़ी हुई घटनाओं में लगभग 15 लाख लोग मारे गए थे, जो 1775 में स्वतंत्रता के लिए अमेरिकी युद्ध ओर उसके बाद हुए अमेरिकी संघर्ष में मारे गए सैनिकों की संख्या से भी ज्यादा है.
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centre for Disease Control and Prevention- CDC) के अनुसार, साल 2020 के दौरान रिकार्ड 45,222 अमेरिकियों की बंदूक से मौत हुई है, इसमें गोलीबारी के शिकार और आत्महत्या करने वाले दोनों तरह के लोग शामिल हैं. यह आंकड़ा पांच साल पहले के मुकाबले 25 फीसदी की वृद्धि और 2010 के मुकाबले 43 फीसदी की वृद्धि का दिखाता है. बंदूक से हुई 45,222 मौतों में से 4,357 बच्चे थे.
अमेरिका में कितनी बंदूकें हैं?
स्विट्जरलैंड आधारित प्रमुख शोध संस्थान स्मॉल आर्म्स (Small Arms Surveys) सर्वे के अनुसार अनुमान जताया गया है कि 2018 में अमेरिका में 390 मिलियन बंदूकें (39 करोड़) प्रचलन में थीं. सर्वे में बताया गया है कि ‘प्रति 100 अमेरिकी निवासियों पर 120.5 हथियार हैं, 2011 में यह 88 था.’ इतने ज्यादा हथियार दुनिया के किसी भी अन्य देश में नहीं है.
अमेरिकी जांच एजंसी एफबीआई (FBI) के अनुसार, अमेरिका में 2000-2020 के दौरान 345 “सक्रिय शूटर घटनाएं” हुई थीं, जिसके परिणामस्वरूप 1,024 से अधिक मौतें और 1,828 लोगों को चोटें आईं. 2017 में लास वेगास में हुई गोलीबारी में को इस दशक का सबसे घातक हमला माना जाता है. इस हमले में 50 से अधिक लोग मारे गए और 500 घायल हो गए थे.
अमेरिका और हथियार
अमेरिका में हथियारों को संघ, राज्य और स्थानीय सरकारों के माध्यम से कंट्रोल किया जाता है. अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने पहले माना था कि अमेरिकी संविधान का दूसरा संशोधन (Second Amendment) आत्मरक्षा के लिये “हथियार रखने और धारण करने” के अधिकार की रक्षा करता है, जबकि संघीय न्यायालयों (Federal Courts) ने संभावित उल्लंघन को लेकर तर्क दिया कि संघीय, राज्य और स्थानीय नियम इस अधिकार को बाधित करते हैं.
वर्ष 1791 में अमेरिका के संविधान के दूसरे संशोधन (Second Amendment) को लागू किया था. इसके तहत अमेरिकी नागरिकों को हथियार रखने का हक दिया गया था. अमेरिका का संविधान अपने नागरिकों को बंदूक रखने का पूरा अधिकार देता है. अमेरिका में भारत की तरह बंदूक लेने के लिए आपको लाइसेंस की जरूरत नही पड़ती है.
क्या है भारत में बंदूक रखने वालों की स्थिति?
वर्ष 2018 के स्मॉल आर्म्स (Small Arms) सर्वे के अनुसारा भारत में असैन्य बंदूक (Non-Military Weapon) रखने वालों की संख्या 7 करोड़ है, जो अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है. हालांकि इस आंकड़े को लेकर संदेह भी है क्योंकि भारत में लाइसेंसीं बंदूक की संख्या सिर्फ 3.4 मिलियन (34 लाख) है, इनमें से भी एक-तिहाई से अधिक उत्तर प्रदेश में हैं.
वर्ष 2016 में भारत बंदूक से की गई हत्याओं के मामले में तीसरे स्थान पर था, जिसमें 90 फीसदी से अधिक मामलों में बिना लाइसेंस वाले हथियारों का इस्तेमाल किया गया था जो दिखाता है कि अवैध बंदूकों की मौजूदगी एक बड़ी समस्या है. भारत मे अपराधों का डेटा जुटाने वाले राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की वर्ष 2020 की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 75,000 बंदूकों (और अन्य शस्त्रों) को जब्त किया गया था, जिनमें से लगभग आधे के करीब उत्तर प्रदेश से थे, जो अवैध हथियारों के फैक्ट्री के रूप में जाना जाता है.
भारत में शस्त्र नियंत्रण को लेकर क्या है कानून? Law related to Firearms in India?
शस्त्र अधिनियम, 1959 (The Arms Act, 1959) का उद्देश्य भारत में हथियारों और गोला-बारूद के अधिग्रहण, कब्जे, निर्माण, बिक्री, आयात, निर्यात एवं परिवहन से संबंधित सभी पहलुओं को शामिल करना है.
इसके अलावा भारत में बंदूक का लाइसेंस लेनी के लिए कई तरह की शर्तें भी लगाई गई हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख शर्तें ये हैं – भारत में बंदूक लाइसेंस प्राप्त करने के लिये न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष है. इसके साथ ही आवेदन करने से पांच साल पहले तक आवेदक को हिंसा या नैतिकता से जुड़े किसी भी अपराध का दोषी नहीं ठहराया गया हो, वह ‘विकृत दिमाग’ का न हो, ओर न ही सार्वजनिक सुरक्षा और शांति के लिये खतरा हो.
हालांकि भारत में संपत्ति योग्यता को बंदूक लाइसेंस प्राप्त करने के लिये मानदंड नहीं माना जाता है. बंदूक के लाइसेंस के लिए कोई भी आवेदन प्राप्त होने पर लाइसेंसिंग प्राधिकरण (Licensing Authority) (इस समय केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्यों में गृह राज्य मंत्रालय), आवेदनकर्ता के निकटतम पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी को निर्धारित समय के भीतर पूरी तरह से जांच के बाद आवेदक के बारे में एक रिपोर्ट देने के लिये कहता है.
इस अधिनियम के तहत किसी भी संस्था को ऐसी किसी भी प्रकार की बंदूक को बेचने या स्थानांतरित करने की अनुमति नहीं है, जिस पर निर्माता का नाम, निर्माता का नंबर या कोई मुहर लगी पहचान का चिह्न नहीं है.
आयुध संशोधन अधिनियम, 2019 (The Arms (Amendment) Act 2019)
2019 में संशोधित आयुध अधिनियम में एक व्यक्ति द्वारा खरीदी जा सकने वाले आग्नेयास्त्रों की संख्या को 3 से घटाकर 2 किया गया. इसके साथ ही लाइसेंस की वैधता को वर्तमान के 3 वर्ष से बढ़ाकर 5 वर्ष कर दिया गया है. वहीं इस संसोधित अधिनियम में बिना लाइसेंस के प्रतिबंधित गोला-बारूद के अधिग्रहण, हथियार ले जाने के अपराध के लिये जुर्माने के साथ-साथ कारावास की सजा को 7 से 14 साल के बीच कर दिया गया है.