India – Australia मुक्त व्यापार समझौते को ऑस्ट्रेलियाई संसद ने दी मंजूरी, जानिए इससे भारत को कितना होगा फायदा और क्या बदलेगा

यह पहला मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement) था जिसपर भारत ने एक दशक से अधिक समय के बाद किसी प्रमुख विकसित देश (Developed Countries) के साथ हस्ताक्षर किये थे. इससे पहले फरवरी 2022 में भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates- UAE) के साथ एक एफटीए पर हस्ताक्षर किये थे.

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Union Minister Piyush Goyal's during a presser after India-Australia ECTA

भारत और ऑस्ट्रेलिया (India-Australia) के बीच अप्रैल 2022 में हुए मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement- FTA) को आज यानि 22 नवंबर 2022 को ऑस्ट्रेलियाई संसद ने मंजूरी दे दी है. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीस ने एक ट्वीट के जरिए कहा कि, “ब्रेकिंग: भारत के साथ हमारा मुक्त व्यापार समझौता संसद से पारित हो गया है.”

वहीं, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि, ‘‘धन्यवाद प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीस. आईए-ईसीटीए में प्रवेश का उद्योग समुदाय द्वारा जोरशोर से स्वागत किया जाएगा और इससे भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी को भी मजबूती मिलेगी.

वर्तमान में भारत, इजरायल, कनाडा, यूके और यूरोपीय संघ (European Union) के साथ एफटीए पर काम कर रहा है. इनमें से UK से तो कई दौर की वार्ता भी पूरी हो चुकी है.

क्या है भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते

भारत-ऑस्ट्रेलिया ईसीटीए (India-Australia Economic Cooperation and Trade Agreement- ECTA) समझौते को लेकर दोनो देशों के बीच औपचारिक रूप से बातचीत सितंबर 2021 में दौबारा से शुरू की गई जो मार्च, 2022 के अंत तक फास्ट-ट्रैक आधार पर खत्म हुई. वहीं अप्रैल 2022 में, भारत और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री की मौजूदगी में इस ऐतिहासिक व्यापार समझौते, ‘भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते ‘(Ind- Aus ECTA)’ पर हस्ताक्षर किये गए. हालांकि इसकी घोषणा फरवरी 2022 में ही कर दी गई थी, उस समय भारत और ऑस्ट्रेलिया ने घोषणा की थी कि वे इस तरह के एक समझौते पर हस्ताक्षर करने जा रहे हैं.

आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (India-Australia Economic Cooperation and Trade Agreement- ECTA)

यह पहला मुक्त व्यापार समझौता (Free Trade Agreement) है जिसपर भारत ने एक दशक से अधिक समय के बाद किसी प्रमुख विकसित देश (Developed Countries) के साथ हस्ताक्षर किये थे. इससे पहले फरवरी 2022 में भारत ने संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates- UAE) के साथ एक एफटीए पर हस्ताक्षर किये थे.

यह समझौता वस्तु व्यापार (Trades in Goods), उत्पत्ति के नियम (Rules of Origin), सेवाओं में व्यापार (Trade in Services), व्यापार की तकनीकी बाधाएं (Technical Barriers to Trade- TBT), स्वच्छता और पादप स्वच्छता (Sanitary and Phytosanitary – SPS) उपाय, विवाद निपटान, व्यक्तियों की आवाजाही (Dispute Settlement, Movement of Natural Persons), दूरसंचार, सीमा शुल्क प्रक्रियाएं (Telecom, Customs Procedures), फार्मास्यूटिकल उत्पाद तथा अन्य क्षेत्रों में सहयोग (Pharmaceutical products, and Cooperation in other Areas) जैसे क्षेत्रों को कवर करता है. द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग के विभिन्‍न पहलुओं को कवर करते हुए इस दौरान आठ विषय विशि‍ष्‍ट सहायक अनुबंध पत्रों (Side Letter) पर भी समझौते के हिस्‍से के रूप में हस्‍ताक्षर किए गए थे.

ये ECTA दोनों देशों के बीच व्‍यापार को बढ़ाने के लिए एक संस्‍थागत तंत्र उपलब्‍ध कराएगा. भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच ईसीटीए भारत और ऑस्‍ट्रेलिया द्वारा प्रबंधित लगभग सभी टैरिफ लाइनों को कवर करता है. इस समझौते के तहत भारत, ऑस्‍ट्रेलिया द्वारा उसके 100 फीसदी टैरिफ लाइनों पर उपलब्‍ध कराए गए वरीयतापूर्ण बाजार (Preferential Market) पहुंच से लाभान्वित होगा. इसमें रत्‍न एवं आभूषण, कपड़े, चमड़ा, फुटवियर, फर्नीचर, खाद्य एवं कृषि उत्‍पाद, इंजीनियरिंग उत्‍पाद, चिकित्‍सा उपकरण एवं ऑटोमोबाइल जैसे भारत की निर्यात की हिसाब से सबसे महत्वपूर्ण सभी श्रम केन्द्रित सेक्‍टर शामिल हैं.

दूसरी तरफ, भारत ऑस्‍ट्रेलिया को ऑस्‍ट्रेलिया के निर्यात की लाइनों सहित अपनी टैरिफ लाइनों के 70 फीसदी से अधिक की वरीयतापूर्ण पहुंच देगा, जिसमें मुख्य रूप से कोयला, खनिज अयस्‍क एवं वाइन आदि जैसे मुख्‍य रूप से कच्‍चे माल तथा इंटरमीडियरीज शामिल है.

इस समझौते के तहत Science Technology Engineering Management- STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) से संबंधित भारतीय स्नातकों को अध्ययन के बाद लंबे समय तक काम करने का वीजा दिया जाएगा. इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया में काम करने के इच्छुक युवा भारतीयों को वीजा देने के लिये ऑस्ट्रेलिया द्वारा एक योजना की शुरुआत की जाएगी.

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कब हुए थे हस्ताक्षर?

2 अप्रैल 2022 को एक वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की मौजूदगी में पीयूष गोयल और डेन तेहान ने दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (Ind-Aus ECTA) पर हस्ताक्षर किए थे. इस समझौते के तहत भारत से निर्यात होने वाले 96 फीसदी उत्पादों को जीरो ड्यूटी एक्सेस मुहैया कराने की बात कही गई थी.

5 सालों में 50 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है द्विपक्षीय व्यापार

इस समझौते के लागू होने के बाद दोनों देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं का द्विपक्षीय व्यापार आने वाले पांच वर्षां में 45 से 50 बिलियन डॉलर (लगभग 4 लाख करोड़) होने की उम्मीद है. जो अभी मात्र 27 बिलियन डॉलर है. इस समझौते के तहत ऑस्ट्रेलिया के भी 85 फीसदी निर्यात की वस्तुओं को भारतीय बाजार में ड्यूटी फ्री कर दिया जाएगा.

ऑस्ट्रेलिया भारत का 17वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार

2021 के आंकड़ों के अनुसार भारत के लिए ऑस्ट्रेलिया 17वां सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है और ऑस्ट्रेलिया के लिए भारत नौंवा सबसे बड़ा साझेदार है. दोनों देशों के बीच 2021 में माल एवं सेवाओं में द्विपक्षीय व्यापार 27.5 अरब डॉलर था. 2021 में भारत से वस्तुओं का निर्यात 6.9 अरब डॉलर का था और आयात 15.1 अरब डॉलर था.

इन वस्तुओं का होगा निर्यात

भारत द्वारा ऑस्ट्रेलिया को निर्यात की जाने वाली वस्तुओं में प्रमुख रूप से पेट्रोलियम उत्पाद, टैक्सटाइल और परिधान, इंजीनियरिंग सामान, चमड़ा, ऊन, मांस, रसायन, रत्न और आभूषण शामिल हैं. आयात में मुख्य रूप से कच्ची सामग्री, कोयला, खनिज और मध्यवर्ती सामान शामिल है.

भारत और ऑस्‍ट्रेलिया जापान के साथ-साथ त्रिपक्षीय आपूर्ति श्रृंखला अनुकूल पहल (Trilateral Supply Chain Resilience Initiative) व्‍यवस्‍था में भी साझेदार हैं जिसमें भारत द्वारा प्रशांत क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखलाओं (Supply Chains) की अनुकूलता को बढ़ाने की इच्‍छा जताई गई है. इसके अलावा, भारत और ऑस्‍ट्रेलिया क्‍वाड (QUAD) के भी सदस्‍य हैं, जिसमें अमेरिका और जापान भी शामिल हैं जिसका उद्देश्‍य समान चिंताओं (Common Problems) के कई मुद्दों पर सहयोग बढ़ाना और साझेदारी विकसित करना है.

क्या हैं मुक्त व्यापार समझौते? (Free Trade Agreements)

मुक्त व्यापार समझौता / समझौते  दो या दो से अधिक देशों के बीच आयात और निर्यात में आने वाली समस्याओं को कम करने के लिए किया गया एक समझौता होता है. एक मुक्त व्यापार नीति के तहत वस्तुओं और सेवाओं को अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के बाहर खरीदा एवं बेचा जा सकता है, जिसके लिये बहुत कम या यूं कहे कि ना के बराबर सरकारी शुल्क, कोटा के अलावा सब्सिडी जैसे प्रावधान किये जाते हैं.

मुक्त व्यापार (Free Trade) को व्यापार संरक्षणवाद या आर्थिक अलगाववाद (Economic Isolationism) के विपरीत है. FTAs को तरजीही व्यापार समझौते (Preferential Trade Agreement), व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (CECA), व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (Comprehensive Economic Partnership Agreement- CEPA) के रूप में बांटा जा सकता है.

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