Uttarakhand Tunnel Rescue: उत्तरकाशी के निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग के भीतर फंसे 40 मजदूरों को बचाने का अभियान आज शनिवार (18 नवंबर) को अपने 7वें दिन में प्रवेश कर चुका है। हर रोज ये रेस्क्यू मुश्किल होता जा रहा है। हालांकि, 24 मीटर तक मलबा निकालने में कामयाबी हासिल हो गई है। अनुमान है कि मजदूरों को निकालने के लिए 60 मीटर तक मलबा हटाने की जरूरत पड़ सकती है। इस बीच लगातार अड़चने भी सामने आ रही हैं, कभी पहाड़ दरक रहा है तो कभी मशीन खराब हो रही है।
Uttarakhand Tunnel Rescue: 32 घंटे से बंद पड़ा रेस्क्यू आॉपरेशन
श्रमिकों की सुरक्षित निकासी के लिए जारी रेस्क्यू आॉपरेशन में चुनौतियां थमने का नाम नहीं ले रहीं हैं। पहाड़ दरकने की आवाज ने भी बचाव दल के सदस्यों व अन्य व्यक्तियों में हड़कंप मचा दिया। जिसके बाद आनन-फानन बचाव अभियान के साथ सुरंग में आवाजाही रोक दी गई।
बता दें, फिलहाल पूरा बचाव ऑपरेशन पिछले 32 घंटे से बंद पड़ा है। 22 मीटर तक बोरिंग करने के बाद मशीन खराब हो गई थी। फिलहाल एक नई बोरिंग मशीन का इंतजार हो रहा है। यह बोरिंग मशीन इंदौर से लाई जा रही है, जो देर शाम जौलीग्रांट एयर पोर्ट पर उतर चुकी है। इसे तीन ट्रकों के जरिए लाया जा रहा है। इस मशीन के दोपहर तक ऑपरेशन साइट पर पहुंचने की उम्मीद है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरकाशी के जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने बताया कि सुरंग में फंसे सभी श्रमिक फिलहाल सुरक्षित हैं। उनके पास पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। बिजली की आपूर्ति भी सुचारू है। खाद्य पदार्थ और ऑक्सीजन भी नियमित रूप से भेजी जा रही है।
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