भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य उत्तर प्रदेश है। 199,812,341 जनता रहती है। राज्य में दिन प्रतिदिन जनसंख्या बढ़ती जा रही है। अधिक आबादी के कारण सभी को सही रुप से सरकारी सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार हम दो हमारे दो वाली नीति लागू करने की तैयारी कर रही है। दो बच्चे वालों को ही सरकारी सुविधा मिलेगी।

इस मुद्दे पर उत्तर प्रदेश विधि आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल का कहना है कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर राजस्थान व मध्य प्रदेश में लागू कानूनों का अध्ययन शुरू कर किया गया है। बेरोजगारी व भुखमरी समेत अन्य पहलुओं को ध्यान में रखकर विभिन्न ¨बदुओं पर विचार के आधार पर प्रतिवेदन तैयार किया जाएगा।

नीति को जल्द से जल्द लागू करने के लिए उत्तर प्रदेश विधि आयोग फिलहाल राजस्थान व मध्य प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों में लागू कानूनों के साथ सामाजिक परिस्थितियों व अन्य ¨बदुओं पर अध्ययन कर रहा है। 

इस मुद्दे पर सिर्फ योगी सरकार ही नहीं बल्कि असम की हेमंत बिस्वा सरमा सरकार भी विचार कर रही है। असम में भी जल्द दो बच्चों की रणनीति को तैयार किया जा सकता है।

मामले को विस्तार में बताते हुए असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण नीति को असम की सभी योजनाओं में तुरंत लागू नहीं किया जाएगा, क्योंकि कई योजनाएं केंद्र की मदद से चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा, कुछ योजनाओं में हम दो बच्चा नीति को लागू नहीं कर सकते। जैसे-स्कूलों और कालेजों में मुफ्त नामांकन या प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान देने में इसे लागू नहीं किया जा सकता। लेकिन, यदि राज्य सरकार की ओर से कोई आवास योजना लागू की जाती है तो उसमें दो बच्चा नीति को लागू किया जा सकता है। आगे चलकर धीरे-धीरे जनसंख्या नीति को राज्य सरकार की हर योजना में लागू किया जाएगा।

बता दें कि सरकार जनसंख्या नियंत्रण पर काम कर रही है। सरकार का कहना है कि बेरोजगारी, भुखमरी, खराब शिक्षा नीति को ध्यान में रखते हुए जनसंख्या नियंत्रण पर काम करना जरूरी है। यदि सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस को अभिभावक फॉलो नहीं करते हैं तो उन्हें सरकारी सुविधाओं से दूर रखा जाएगा।

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