Ukraine: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि गंभीर संघर्ष से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद भारत सरकार ने सुनिश्चित किया कि लगभग 22,500 भारतीय नागरिक सुरक्षित भारत लौट पाएं। प्रधानमंत्री के निर्देश पर केंद्र सरकार ने ऑपरेशन गंगा लॉन्च किया, जिसके अंतर्गत यूक्रेन-रूस के बीच चल रहे संघर्ष की स्थिति के दौरान चुनौतीपूर्ण निकासी अभियान चलाया गया।
Ukraine मामले पर विदेश मंत्री बोले- हमने 24 घंटे निगरानी की
उन्होंने कहा कि इसके लिए हमारा समुदाय चुनौतियों का सामना करते हुए Ukraine के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद था। अभियान की समीक्षा PM द्वारा स्वयं दैनिक आधार पर की गई। विदेश मंत्रालय में हमने 24/7 आधार पर निकासी कार्यों की निगरानी की। हमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय, रक्षा, NDRF, IAF, प्राइवेट एयरलाइंस सहित सभी संबंधित मंत्रालयों और संगठनों से उत्कृष्ट समर्थन मिला।
विदेश मंत्री ने कहा कि आधे से ज्यादा छात्र पूर्वी Ukraine के विश्वविद्यालयों में थे जो क्षेत्र रूस की सीमा से लगा है और अब तक संघर्ष का केंद्र रहा है। 35 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के छात्रों को निकाला गया है।
बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की बात की जाए तो चौथे दौर की वार्ता के दौरान, यूक्रेन ने ‘तत्काल’ युद्धविराम की मांग की। जबकि राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन के वार्ताकार रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ सीधी बातचीत पर जोर दे रहे थे। खबरों के मुताबिक वार्ता सोमवार को रोक दी गई थी और मंगलवार को जारी रहेगी।
इस बीच, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि अमेरिकी अधिकारियों का दावा कि रूस ने यूक्रेन (Russia Ukraine War Highlights) में अपने अभियान के लिए चीन से हथियार मांगे थे दुष्प्रचार है।
अन्य समाचारों में, पश्चिमी यूक्रेन में एक सैन्य अड्डे पर रूसी मिसाइल हमले में 35 लोगों के मारे जाने के एक दिन बाद, राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने एक वीडियो बयान में नाटो से नो-फ्लाई ज़ोन लागू करने का आग्रह किया।
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