लंबे इंतजार के बाद भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन जल्द ही मंजूरी देने वाला है। इसे ध्यान में रखते हुए भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के आपात उपयोग सूचीबद्धता के लिए जरूरी सभी दस्तावेज विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को सौंप दिए हैं। सोमवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए भारत बायोटेक ने कहा, कोरोना टीका कोवैक्सीन के आपात उपयोग के लिए डब्लूएचओ ने जो दस्तावेज मांगा था उसे हमने संगठन को सौंप दिया है।

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पिछले सप्ताह, डब्ल्यूएचओ की प्रमुख विज्ञानी सौम्या स्वामीनाथन ने कहा था कि डब्ल्यूएचओ चार से छह सप्ताह के भीतर आपातकालीन उपयोग सूची में कोवैक्सिन को शामिल करने पर निर्णय ले सकता है। भारत में बने कोवैक्सिन को कोई भी देश लगवाने को तैयार नहीं था। भारत की जनता भी इस वैक्सिन को लगाने से कतरा रही थी। मगर अब डब्ल्यूएचओ आपातकालीन उपयोग सूची में कोवैक्सिन को शामिल कर देगा।

एक वैक्सीन कंपनी के लिए कोवैक्स या अंतरराष्ट्रीय खरीद जैसी वैश्विक सुविधाओं के लिए टीकों को लगाने के लिए डब्ल्यूएचओ की ईयूएल आवश्यक होती है।डब्ल्यूएचओ ने आपातकालीन उपयोग के लिए फाइजर-बायोएनटेक एस्ट्राजेनेका-एसके बायो/एसआईआई,जॉनसन एंड जॉनसन जेनसेन, मॉडर्ना और सिनोफार्म के टीकों को मंजूरी दे चुका है।

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स्वदेशी वैक्सीन ने कई देशों में फैलेकोविड -19 के डेल्टा संस्करण के खिलाफ 63.6 प्रतिशत सफल दिखाई है। कोवैक्सिन ने गंभीर रोगसूचक कोविड -19 के खिलाफ 93.4 प्रतिशत और बीना लक्षण वाले कोविड -19 के खिलाफ 63.6 प्रतिशत सफल बताया है।

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