Swachh Survekshan 2022: इंदौर ने लगाया स्वच्छता में ‘छक्का’, जानें बाकी राज्यों का हाल

दूसरे स्थान पर छत्तीसगढ़ और तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र है

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Swachh Survekshan 2022
President Droupadi Murmu addressing Swachh Survekshan 2022 programme

Swachh Survekshan 2022: केंद्र के वार्षिक सर्वेक्षण ‘स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2022′ में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों और शहरों की घोषणा कर दी गई है। इस सर्वेक्षण के अनुसार, 2022 के लिए सबसे स्वच्छ राज्य मध्य प्रदेश है। इसके साथ ही दूसरे स्थान पर छत्तीसगढ़ और तीसरे स्थान पर महाराष्ट्र है। वहीं, इंदौर को लगातार छठी बार भारत का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया है।

Swachh Survekshan 2022
Swachh Survekshan 2022

नई दिल्ली में आयोजित ‘स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2022′ समारोह में विजेताओं को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू में पुरस्कार देकर सम्मानित किया। मौके पर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अन्य भी मौजूद रहे। बता दें कि स्वच्छ सर्वेक्षण का सातवां संस्करण स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) की प्रगति का अध्ययन करने और विभिन्न स्वच्छता मानकों के आधार पर शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को रैंक देने के लिए आयोजित किया गया था।

Swachh Survekshan 2022: हरिद्वार और वाराणसी का रहा यह स्थान

सूरत और नवी मुंबई ने केंद्र सरकार के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया है। बता दें कि इंदौर और सूरत ने इस साल बड़े शहरों की श्रेणी में अपना शीर्ष स्थान बरकरार रखा, जबकि विजयवाड़ा ने अपना तीसरा स्थान नवी मुंबई से गंवा दिया। सर्वेक्षण के नतीजे के अनुसार, 100 से कम शहरी स्थानीय निकायों वाले राज्यों में त्रिपुरा ने शीर्ष स्थान हासिल किया है।
वहीं, 1 लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में महाराष्ट्र का पंचगनी पहले स्थान पर रहा। इसके बाद छत्तीसगढ़ का पाटन और महाराष्ट्र का करहड़ रहा। एक लाख से अधिक आबादी की श्रेणी में हरिद्वार गंगा के किनारे बसा सबसे स्वच्छ शहर रहा। इसके बाद वाराणसी और ऋषिकेश रहे।

पूरे देश में अपनाएं ‘इंदौर मॉडल’-राष्ट्रपति

मौके पर राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा “‘स्वच्छ सर्वेक्षण (2022)’ के तहत इंदौर शहर ने शानदार प्रदर्शन करते हुए लगातार छठी बार प्रथम स्थान प्राप्त किया है। मेरा सुझाव है कि इंदौर शहर के निवासियों द्वारा अपनाए गए जन-भागीदारी के मॉडल को पूरे देश में अपनाने के प्रयास होने चाहिए।” उन्होंने कहा कि बीसवीं सदी के आरम्भ में ही बापू ने स्वच्छता के लिए देशवासियों का आह्वान किया था। उन्होंने (बापू) कहा था “जब तक हम अपने शहरों की हालत नहीं बदलते, अपनी बुरी आदतों को नहीं छोड़ते, अपने शौचालयों को नहीं सुधारते, तब तक हमारे लिए स्वराज्य का मूल्य कुछ भी नहीं है।”

राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने कहा हमारे गली, गांव, मुहल्ले तथा शहर स्वच्छ रहें, इसकी जिम्मेदारी प्रशासन के साथ-साथ सभी नागरिकों की भी है। उन्होंने कहा “मैं सभी देशवासियों, विशेषकर युवाओं से आग्रह करती हूं कि, ‘garbage-free cities’ अभियान की सफलता हेतु, बढ़-चढ़कर सहयोग करें तथा समाज में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाएं। हमारे सफाई-मित्र भाई-बहनों के जीवन को गरिमामय और सम्मानपूर्ण बनाने की जिम्मेदारी न सिर्फ प्रशासन बल्कि सभी नागरिकों की भी है।”

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