Supertech Emerald Court के ट्विन टावरों को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। टावर को ढहाने के लिए 200 मजदूरों के साथ इंजीनियरों की टीम मौजूद है। सुप्रीम कोर्ट ने 7 फरवरी को दोनों टावरों को गिराने का आदेश दिया था। कोर्ट ने नोएडा (Noida) के सीईओ (CEO) को 72 घंटे के भीतर टावरों को गिराने में शामिल सभी संबंधित एजेंसियों की बैठक बुलाकर टावरों को गिराने की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने को कहा था। कोर्ट ने यह भी कहा था कि मामले को गंभीरता से लेते हुए टावरों को हफ्ते भर के भीतर गिराया जाए।
Supertech Emerald Court केस

सुपरटेक के ट्विन टावर (Supertech Twin Tower) को ढहाने से रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में संशोधन याचिका 29 सितंबर 2021 को दाखिल की थी। सुपरेटक एमेरॉल्ड कोर्ट ट्विन टावर मामले में कंपनी ने कोर्ट से 40 मंजिला ट्विन टॉवर-16 (एपेक्स) और 17(स्यान) को ढहाने के आदेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट में संशोधन याचिका दाखिल की थी। साथ ही कोर्ट दोनों टावर को गिराए जाने की बजाय एक टावर को गिराने का आदेश जारी करने का आग्रह किया था।
बता दें कि 31 अगस्त को सुपरटेक एमराल्ड केस में Supreme Court ने बड़ा आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि Supertech के ट्विन टॉर्वस को गिराया जाएंगे। गिराए जाने वाले दोनों ही टावर 40-40 मंजिला हैं। कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा था कि, यह टॉवर नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) और सुपरटेक की मिलीभगत से बने थे। रियल स्टेट (Real Estate) कंपनी सुपरटेक को बड़ा झटका देते हुए कोर्ट ने कहा था कि तीन माह के भीतर कंपनी खुद के पैसों से दोनों ही टॉवर को तोड़े।
Supertech Emerald Court केस पर Allahabad High Court ने क्या कहा था?

वहीं साल 2014 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी इन टॉवर्स को गिराने का निर्देश दिया था, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने भी सही माना था। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह ने मामले की सुवाई करते हुए कहा कि था, जिन लोगों ने भी सुपरटेक ट्विन टॉवर में फ्लैट्स लिए हैं। उन्हें 12 फीसदी ब्याज के साथ रकम वापस की जाएगी। कोर्ट में कहा गया था कि टॉवर्स को तोड़ते वक्त अन्य बिल्डिंग्स को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए।
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