एथिक्स कमिटी की सिफारिश मंजूर, कैश फॉर क्वेरी मामले में Mahua Moitra ने गंवाई सांसदी

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Cash For Query Case: संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से जारी है। इस बीच आज शुक्रवार (08 नवंबर) को तृणमूल कांग्रेस नेता महुआ मोइत्रा को उनके खिलाफ ‘Cash-For-Query’ मामले में आचार समिति की रिपोर्ट के बाद लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने मोइत्रा के निष्कासन का प्रस्ताव पेश किया जिसे सदन ने ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। मोइत्रा पर संसद में मोदी सरकार की आलोचना करने वाले सवाल पूछने के बदले में व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से 2 करोड़ रुपये नकद और “लक्जरी उपहार आइटम” सहित रिश्वत लेने का आरोप है।

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Cash For Query Case

मोइत्रा पर अपने लॉग-इन क्रेडेंशियल हीरानंदानी को देने का भी आरोप है। महुआ ने रिश्वतखोरी के आरोपों से इनकार किया है लेकिन लॉग-इन विवरण साझा करने की बात स्वीकार की है। इससे पहले आज आचार समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश की, जिससे सत्तारूढ़ भाजपा और मोइत्रा की पार्टी TMC सहित विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। रिपोर्ट पेश करने के बाद हुए हंगामे के कारण कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी, जब मोइत्रा को निष्कासित करने का प्रस्ताव पेश किया गया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि रिश्वत लेने की बात सिद्ध होती दिख रही है। जो एक सांसद के लिए अशोभनीय और अनैतिक आचरण है। गौरतलब है कि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने वकील जय अनंत देहाद्राई के माध्यम से मोइत्रा के खिलाफ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को शिकायत भेजी थी, जिसमें उन पर अडाणी समूह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाने के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कहने पर सदन में सवाल पूछने के बदले रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है।

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